केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को अहमदाबाद में राष्ट्रीय हाई-स्पीड रेल परियोजना का निरीक्षण किया. केंद्रीय मंत्री ने एनएच 48 पर स्टील ब्रिज की स्थापना स्थल का भी दौरा किया, जो परियोजना का एक प्रमुख अवयव है. इसके साथ ही वैष्णव ने अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का निरीक्षण किया और घोषणा की कि बुलेट ट्रेन परियोजना का 360 किलोमीटर पूरा हो गया है, जिसमें महाराष्ट्र खंड ने महत्वपूर्ण प्रगति की है.
इस दौरान अश्विनी वैष्णव बुलेट ट्रेन में काम कर रहे श्रमिक और वर्कर्स के साथ जमीन पर बैठे. उनको देश निर्माण में योगदान देने के लिए बधाई दी. रेल मंत्री ने श्रमिकों के साथ में सेल्फी भी ली.
रेल मंत्री को अपने बीच पाकर श्रमिकों में इतना जोश आ गया कि वो भारत माता की जय के नारे लगने लगे. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि जब सरकार और मंत्री हमें इतनी इज्जत देते हैं तो तो हम आपना सबकुछ लगाकर जी जान से कम करेंगे. बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है.
वैष्णव ने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजनाओं में कई जगहों पर किसी न किसी तरह का अनूठा निर्माण हो रहा है. यह पुल 1100 टन से अधिक वजन का है. इसके कई विशेष अवयव भारत में निर्मित हैं और कई अवयव भारत में डिजाइन किए गए हैं. यहां काम करने वाली टीम पुल निर्माण की विशेषज्ञ है – यह वही टीम है जिसने अंजी और चिनाब पुलों पर काम किया है.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर तेजी से चल रहा है काम
कुल लंबाई: 508 किमी (गुजरात और डीएनएच: 352 किमी, महाराष्ट्र: 156 किमी)
12 स्टेशन बनाए जाएंगे: मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद, साबरमती
अब तक की स्थिति (27 फरवरी 2025 तक)
विद्युत मार्ग (Viaduct) का निर्माण: 272 किमी
पियर (Pier) काम: 372 किमी
पियर फाउंडेशन: 386 किमी
गर्डर कास्टिंग: 305 किमी
13 नदियों पर पुलों का काम पूरा हो चुका है. जैसे: पार (वलसाड), पुरना (नवसारी), मिंधोला (नवसारी), अम्बिका (नवसारी), औरंगा (वलसाड), वेंगनिया (नवसारी), मोहर (खेड़ा), धाधर (वडोदरा), कोलक नदी (वलसाड), वट्रक नदी (खेड़ा), कावेरी नदी (नवसारी), खररा (नवसारी), और मेषवा (खेड़ा).
छह स्टील पुल और पांच पीएससी पुल बनकर तैयार हो चुके हैं.
130 किमी जगह पर शोर रोकने वाली दीवारें (Noise Barriers) लगाई गई हैं.
गुजरात में 112 किमी ट्रैक बेड का काम पूरा हो चुका है.
गुजरात में ओवरहेड इलेक्ट्रिक सप्लाई का काम शुरू हो चुका है.
महाराष्ट्र में बीकेसी और शिल्फाटा के बीच 21 किमी लंबी सुरंग पर काम चल रहा है.
पालघर जिले में सात पर्वतीय सुरंगों का काम NATM तकनीक से चल रहा है.
गुजरात में आठ स्टेशनों में से छह का स्ट्रक्चरल काम खत्म हो चुका है.
तीनों ऊंचे स्टेशन पर काम शुरू हो चुका है और मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन पर बेस स्लैब डाला जा रहा है.