राजधानी लखनऊ में गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय ने मनरेगा मजूदरों की मजदूरी को लेकर भाजपा को घेरा। कहा कि भाजपा सरकार मजदूरों का हक मार रही है। यही वजह है कि आठ माह से मनरेगा मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में वे होली त्योहार नहीं मना पाएंगे। तमाम मजदूरी महाकुंभ में भी नहीं जा पाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मजदूरों के भुगतान को लेकर संसद से सड़क तक प्रदर्शन करेगी।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में अजय राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत 1 करोड़, 65 लाख, 11 हजार, 8 सौ 51 जॉब कार्ड धारक हैं। इसमें एक्टिव जॉब कार्ड धारकों की संख्या 1 करोड़, 9 लाख, 33 हजार, 3 सौ 96 हैं। लगभग एक करोड़ 10 लाख जॉब कार्ड धारकों को पिछले 9 दिसंबर 2024 से उनकी मजदूरी का भुगतान केंद्र सरकार नहीं कर रही है।
इस समय मजदूरों की बकाया धनराशि 99.75 करोड़ रूपये है। जबकि अधिनियम में प्रावधान है कि मजदूर को अपनी मजदूरी करने के 15 दिन के अंदर उसके खाते में मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए। अन्यथा नियम अनुसार .05 प्रतिशत प्रति विलंबित दिवस का हरजाना मिलना चाहिए।
मजदूरों का ईपीएफ का पैसा कहा गया
उन्होंने कहा कि इन संविदा कर्मियों को ईपीएफ का सामाजिक सुरक्षा कवच अप्रैल 2015 से ईपीएफ अधिनियम के अनुसार मिलना चाहिए, लेकिन आज तक कर्मियों के खाते में ईपीएफ का पैसा नहीं जमा हुआ। नतीजा यह है कि पिछले आठ वर्षों में 2000 से ज्यादा संविदा कर्मियों की मृत्यु हुई और उनके परिवारों को ईपीएफ का कोई लाभ नहीं मिल पाया।
इस प्रकरण में सबसे ज्यादा आपत्तिजनक बात यह है कि ईपीएफ में नियोक्ता का जो 13 प्रतिशत अंश होता है वह भी संविदा कर्मियों के मानदेय से काटा जा रहा है। यह न सिर्फ नियम विरुद्ध है बल्कि यह भाजपा सरकार की संविदाकर्मी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।