असम भी कोयले में ‘काला’, 263 अवैध रैट-होल मिलीं; 3 सालों में 25 हजार टन कोयला जब्त

असम में कम से कम 263 अवैध कोयला खदानों की पहचान की गई है. यह खदानें दो स्वायत्त परिषदों के अधिकार क्षेत्र में स्थित हैं. असम सरकार के मंत्री कौशिक रॉय ने ये आंकड़े बुधवार को विधानसभा में उठाए गए एक लिखित प्रश्न के उत्तर में जारी किए. उन्होंने विधानसभा को यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में 25,630 टन से अधिक अवैध कोयला जब्त किया गया है. ऐसे में निगरानी के लिए डीजीपी के नेतृत्व में समिति गठित किया गया है.

शिवसागर विधायक अखिल गोगोई के प्रश्न के लिखित उत्तर में खनिज मंत्री कौशिक रॉय ने कहा कि दीमा हसाओ जिले और उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (NCHAC) में 248 अवैध कोयला खदानों की खोज की गई है. उन्होंने बताया कि 15 अवैध खदानें पूर्वी कार्बी आंगलोंग और पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिलों में मिलीं. इसके अलावा डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और चराइदेव जिलों में भी कोयला खनन हो रहा है, लेकिन इन क्षेत्रों में खनन की जानकारी साझा नहीं की गई है.

25,631.98 टन अवैध कोयला जब्त

राय ने बताया कि असम में तिनसुकिया, दीमा हसाओ और कार्बी आंगलोंग जिलों में कुल सात कोयला क्षेत्र हैं. राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 2014 में अवैध कोयला खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पूर्वोत्तर में अवैध कोयला खनन अभी भी जारी है. उन्होंने कहा, कोयला नीलामी प्रक्रिया कानूनी तंत्र के माध्यम से चल रही है.

रोक लगाने के लिए उठाए हैं कदम

राय ने कहा है कि हमने राज्य में अवैध कोयला खनन पर रोक लगाने के लिए भी कदम उठाए हैं. ऐसी अवैध कोयला खदानों की निगरानी के लिए डीजीपी की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई थी. वह अवैध कोयला खनन पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए और भी कड़े कदम उठाएगी. ऐसे में देखना ये है कि क्या अवैध कोयला खनन को पूरी तरह रोका जा पाएगा.

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