अनाज लेने वालों को ‘भिखारियों की फौज’ कहते हैं मंत्री… मायावती का भाजपा पर हमला

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह वंचित तबकों के कल्याण के लिए उपलब्ध धन का सही उपयोग करने में विफल रही है. लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की.

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के भाजपा मंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को भिखारियों की फौज कहकर संबोधित करना बेहद आपत्तिजनक है. यह बयान सरकार की गरीब विरोधी, संकीर्ण और जातिवादी मानसिकता को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि सरकार बनने के लिए दलितों और वंचितों के वोट तो लिए जाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें तिरस्कार झेलना पड़ता है. यह उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है, जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है.

मायावती ने योगी सरकार पर बोला हमला

योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए मायावती ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असफल रही है, जबकि उत्तर प्रदेश को देश के विकास का इंजन माना जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की तरह यूपी सरकार के पास भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन जरूरतमंदों तक इसका लाभ नहीं पहुंच रहा है, जो कि बेहद चिंताजनक है.

मायावती ने भाजपा पर कांग्रेस की तरह शासन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों दलों ने महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं को निष्क्रिय कर दिया है. उन्होंने दावा किया कि बसपा सरकार के दौरान शुरू की गई डॉ. भीमराव आंबेडकर ग्रामीण समग्र विकास योजना, जो ग्रामीण परिवारों के उत्थान के लिए थी, उसे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और भाजपा सरकारों ने निष्क्रिय कर दिया.

आर्थिक नीतियों से केवल पूजीपतियों को लाभ

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की आर्थिक नीतियां केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को अमीरों को और अमीर बनाने की बजाय देश के 125 करोड़ आम नागरिकों की गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए.

बसपा सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि उनके शासनकाल में वास्तविक सामाजिक और आर्थिक सुधार किए गए. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने गांवों में 17 आवश्यक सुविधाओं को लागू करने के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया, जिससे लोगों के जीवन में सुधार आया.

अंत में, मायावती ने अंबेडकरवादी विचारधारा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और वंचित समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया.

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