कनाडा के नए प्रधानमंत्री होंगे पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी, जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे

पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे. जिन्होंने इस साल की शुरुआत में पद से इस्तीफा दे दिया था. सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने रविवार को मार्क कार्नी को अपना नेता चुन लिया है. कार्नी ने 86 प्रतिशत सदस्यों के वोट हासिल किए. बता दें कि कनाडा इन दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेन वॉर और विलय के खतरे से निपट रहा है.

दरअसल 59 वर्षीय कार्नी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे, जिन्होंने जनवरी में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन आने वाले दिनों में उनके उत्तराधिकारी के शपथ लेने तक वो प्रधानमंत्री बने रहेंगे.

बैंक ऑफ कनाडा के प्रमुख

बता दें कि जब मार्क कार्नी बैंक ऑफ कनाडा के प्रमुख थे, तब उन्होंने संकटों का सामना किया था. जब 2013 में कार्नी 1694 में बैंक ऑफ इंग्लैंड की स्थापना के बाद से उसको चलाने वाले पहले गैर-नागरिक बने थे. उनकी नियुक्ति को यूके में प्रशंसा मिली, क्योंकि कनाडा 2008 के वित्तीय संकट से कई अन्य देशों की तुलना में तेजी से उबर गया था. विपक्षी कंजर्वेटिवों को उम्मीद थी कि चुनाव ट्रूडो के इर्द-गिर्द घूमेगा, जिनकी लोकप्रियता खाद्य और आवास की कीमतों में वृद्धि और इमिग्रेशन में उछाल के कारण कम हुई है.

ट्रंप के ट्रेड वॉर पर भड़के लोग

ट्रंप के ट्रेड वॉर और कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने की उनकी बात ने कनाडाई लोगों को नाराज कर दिया है, जो NHL और NBA खेलों में अमेरिकी राष्ट्रगान का विरोध कर रहे हैं. कुछ लोग साउथ बॉर्डर में यात्राएं रद्द कर रहे हैं. इसके साथ ही कई लोग संभव हो तो अमेरिकी सामान खरीदने से बच रहे हैं. कनाडाई राष्ट्रवाद में उछाल ने कुछ दिनों या हफ्तों के भीतर होने वाले संसदीय चुनाव में लिबरल पार्टी की संभावनाओं को मजबूत किया है.

ट्रंप से निपटने के लिए तैयार

कनाडा में यह पहली बार है जब कोई बाहरी व्यक्ति जिसकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, प्रधानमंत्री बना है. कार्नी ने कहा कि दो G7 केंद्रीय बैंकों के गवर्नर के रूप में सेवा करने वाले पहले व्यक्ति के रूप में उनका अनुभव यह दर्शाता है कि वह ट्रंप से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त हैं.

कौन हैं मार्क कार्नी?

मार्क कार्नी का जन्म कनाडा के फोर्ट स्मिथ, नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज में हुआ था. उनका बचपन एडमंटन में बीता. इसके बाद, वो अमेरिका चले गए और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की. बाद में, मार्क कार्नी यूके चले गए, जहां उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री, फिर 1995 में अर्थशास्त्र में पीएचडी की. बता दें कि कार्नी 2008 में बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर नियुक्त किए गए थे.

सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर घोषित

अपने काम से उन्होंने जल्दी ही अपनी पहचान बना ली. जिसके बाद 2010 में टाइम मैगजीन ने उन्हें दुनिया के 25 सबसे प्रभावशाली नेताओं में शामिल किया. वहीं 2011 में रीडर्स डाइजेस्ट ने उन्हें सबसे विश्वसनीय कनाडाई के खिताब से नवाजा. इसके बाद 2012 में यूरोमनी मैगजीन ने कार्नी को सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर घोषित किया.

बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर बने

वहीं 2013 में मार्क कार्नी बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर बने. जिसके बाद वह 300 साल के इतिहास में इस बैंक का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक बने. उन्होंने साल 2020 तक इस पद पर काम किया. हाल के दिनों मेंकार्नी ने यूएन के क्लाइमेट एक्शन और फाइनेंस पर विशेष दूत और ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट में ट्रांजिशन इन्वेस्टिंग के प्रमुख जैसे पद संभाले.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here