इंजीनियर राशिद को कोर्ट से बड़ा झटका, टेरर फंडिंग मामले में पैरोल की अर्जी खारिज

जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद को टेरर फंडिंग मामले में पटियाला हाउस कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने सांसद राशिद की कस्टडी पैरोल की अर्जी खारिज कर दी है. सांसद की ओर से अर्जी में अंतरिम जमानत या कस्टडी पैरोल की मांग की गई थी. उन्होंने संसद सत्र में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत या कस्टडी पैरोल मांगी थी. उनकी नियमित जमानत याचिका भी पटियाला हाउस कोर्ट में लंबित है.

याचिका खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने राशिद की नियमित जमानत याचिका पर फैसले के लिए 19 मार्च की तारीख तय की. कोर्ट ने 3 मार्च को एनआईए से याचिका पर जवाब देने के लिए कहा था. इसके बाद दलीलें सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया. सांसद राशिद की ओर से वकील विख्यात ओबेरॉय ने 27 फरवरी को अर्जी दी थी.

2019 में एनआईए ने अरेस्ट किया था

इसमें राहत देने का अनुरोध करते हुए दलील दी कि उनका मुवक्किल सांसद है और उन्हें उनके सार्वजनिक दायित्व के निर्वहन के लिए आगामी ससंद सत्र में शामिल होना जरूरी है. बता दें कि इंजीनियर राशिद को 2017 के आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) एक्ट के तहत एनआईए ने 2019 में अरेस्ट किया था.

बता दें कि राशिद के सांसद चुने जाने के बाद से उन पर लगे आरोपों की जांच एमपी/एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की जा रही है. इसी मामले में सुनवाई करते हुए बीते साल स्पेशल एनआईए कोर्ट ने मामले को जिला जज के पास भेजा, ताकि मामले को विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने पर विचार किया जा सके.

चुनाव प्रचार के लिए मिली थी जमानत

बात करें सांसद राशिद की उस याचिका की, जिसमें उन्होंने संसद सत्र में शामिल होने की इच्छा जताई है, उसमें उन्होंने कहा है कि सांसद चुने जाने के बाद से वो संसद के सत्र में भाग नहीं ले पाए हैं. एक सांसद होने के कारण उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है. टेरर फंडिंग समेत कई मामलों में जेल में बंद इंजिनियर राशिद को जम्मू कश्मीर चुनाव में प्रचार करने के लिए कोर्ट से जमानत मिली थी. हालांकि चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें वापस जेल जाना पड़ा था.

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