लुधियाना के फोकल प्वाइंट की कोहली डाइंग फैक्टरी की छत गिरने की वजह से हुए हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ गई है। सोमवार को मलबे के नीचे से एक और मजदूर का शव मिला है। सोमवार की सुबह शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या तीन हो गई है, जबकि नौ घायलों का अभी फोर्टिस अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सोमवार को मिले शव की पहचान ललन यादव के रूप में हुई है। थाना फोकल प्वाइंट पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब मलबे के नीचे किसी मजदूर के फंसे होने की आशंका को खत्म होते देख जिला प्रशासन की तरफ से एनडीआरएफ की टीमों को वापिस भेज दिया है।
उधर, पंजाब सरकार ने तीनों मृतकों के परिवार वालों को दो-दो लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। इसके साथ साथ जो घायल अस्पताल में है उनका इलाज भी फ्री में करवाने का आश्वासन दिया है। साथ ही साथ राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने भी मृतकों को एक-एक लाख रुपये की सहायता देने का एलान किया है।
डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल ने सोमवार की सुबह तीसरा शव मिलने के बाद घटनास्थल का दौरा किया। इसके बाद डीसी ने फोर्टिस अस्पताल पहुंच कर घायलों का हाल जाना और डाक्टरों से बातचीत की। उधर, इस मामले में थाना फोकल प्वाइंट की पुलिस ने नीरज कुमार, सुपरवाइजर तीर्थ लाल, परगट सिंह और ऑपरेटर अवतार सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी सुपरवाइजर तीर्थ लाल को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि बाकी के आरोपी अभी फरार हैं।
मलबे में दबे मजदूर ने किया था बेटे को फोन
कोहली डाइंग फैक्टरी की छत गिरने के बाद वहां एक बार कोहराम मच गया था। डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल की अगवाई में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ साथ अलग अलग टीमों ने बचाव कार्य में तेजी लाई और कई घायलों को बाहर निकाला था। चार लोगों को रेस्क्यू सही सलामत रेस्क्यू करने के बाद नौ घायलों को भी निकाला गया। पहले दिन जतिंदर नाम के व्यक्ति का शव निकाला तो दूसरे दिन मलबे के नीचे से पुलिस ने गुरनरिंदर सिंह उर्फ बंटी का शव निकाला। सोमवार को पुलिस ने ललन यादव का शव मलबे के नीचे से निकाला। मृतक ललन के बेटे सौरव ने कहा कि पिता का एक साथी भी बिल्डिंग के अंदर मलबे में दबा हुआ था। उसने फोन करके जानकारी दी कि उसके पिता भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। सौरव मुताबिक जब उसे पिता की मौत की सूचना मिली तो पूरे परिवार को यकीन नहीं हुआ।
क्या कहते हैं डिप्टी कमिश्नर
डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल ने बताया कि एनडीआरएफ की तीन टीमों ने चार मजदूरों को सुरक्षित बचाया है। जो स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि यदि अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होगी तो एनडीआरएफ स्टैंडबाय पर रहेगा, क्योंकि वर्तमान में मलबे के नीचे किसी भी मजदूर के फंसे होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इलाके को साफ करने के लिए टीमें मौके पर हैं। इन टीमों ने पहले ही साइट से सल्फ्यूरिक एसिड और एसिटिक एसिड वाले ड्रम हटा दिए हैं, जिन्हें पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के अनुसार निपटाया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर ने यह भी बताया कि घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए पूर्व की सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) जसलीन कौर भुल्लर के नेतृत्व में एक मजिस्ट्रेट जांच शुरू की गई है। इसके अलावा पुलिस ने भी मामला दर्ज कर लिया है।