मेरठ शहरकाजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन का सोमवार को इंतकाल हो गया। उन्होंने साकेत के धन्वंतरि अस्पताल में अंतिम सांस ली। अचानक तबीयत खराब होने के कारण उन्हें आज सुबह ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके शव को पुरानी तहसील कोतवाली अपने आवास पर ले जाया जाएगा। शाम के समय ऐलान किया गया कि प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन के बेटे प्रोफेसर सालेकीन सिद्दीकी (32) नए शहर काजी होंगे।
एक दिन पहले ही शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन ने एलान किया था कि दुल्हेंडी शुक्रवार को है। इसलिए जुमे की नमाज कोतवाली स्थित शाही जामा मस्जिद में 2.30 बजे होगी। शहरकाजी ने मेरठ के तमाम इमाम से गुजारिश की थी कि जनपद में मिली जुली आबादी में स्थित मस्जिदों में जुमे की नमाज़ का वक्त बदल लें।
बताया गया कि शहरकाजी का शव रात्रि दस बजे उनके घर से जामा मस्जिद ले जाया जाएगा। जहां उनके जनाजे की नमाज रात 10:30 बजे होगी। इसके बाद चिश्ती पहलवान कब्रिस्तान लेकर जाएंगे। जहां उनके शव को सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।
शहरकाजी को 19 जून 2012 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका था। वह मदरसा बोर्ड के चेयरमैन भी रहे और कई पुस्तकों का भी उन्होंने लेखन किया।
वहीं देर शाम एलान किया गया कि प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन के बेटे प्रो. सालेकिन सिद्दीकी मेरठ के नए शहर काजी होंगे। ईद पर वो ही शाही जामा मस्जिद में नमाज पढ़ाएंगे। प्रोफेसर सालेकीन सिद्दीकी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में अध्यापन कर रहे हैं। समाज के प्रबुद्ध वर्ग और धार्मिक नेताओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उम्मीद जताई है कि वे अपने ज्ञान और नेतृत्व से शहर में सद्भाव और न्याय की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।