असम के वित्त मंत्री और सीनियर बीजेपी लीडर हिमंत बिस्वा सरमा ने खुद पर चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने हिमंत बिस्वा सरमा पर बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के हगरमा मोहिलरी के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए 48 घंटे के लिए तत्काल प्रभाव से चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी थी। ये नोटिस चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस की शिकायत के बाद भेजा गया था। कांग्रेस ने अपनी शिकायत में हिमंत बिस्वा सरमा पर आरोप लगाया कि उन्होंने BPF (बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट) के हगरमा मोहिलरी को जेल में भेज देने की धमकी दी है
न्यूज18 की खबर के मुताबिक सरमा ने चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ गुवाहाटी हाईकोर्ट का रुख किया है और कुछ ही देर में इस मामले में सुनवाई होगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि 29 मार्च को हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी रैली में कांग्रेस के सहयोगी पार्टी बोडोलैंड पीपुल्सत फ्रंट के अध्यरक्ष को जेल भिजवाने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि वे हगरमा मोहिलरी के खिलाफ NIA जांच कराकर उन्हें जेल भेजेंगे।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस तरह धमकी देकर हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस और बोडोलैंड पीपुल्सि फ्रंट को वोट न देने के लिए वोटरों को प्रभावति करने की कोशिश की। कांग्रेस ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया। आपको बता दें कि असम में BJP और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में हिमंत बिस्वा सरमा पर 48 घंटे के लिए बैन लगना BJP के लिए तगड़ा झटका है।