महाकुंभ 2025 ने प्रयागराज का किया कायाकल्प: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ ने आस्था को आर्थिकी के साथ जोड़ने के बड़े अभियान को आगे बढ़ाया है। यह आयोजन प्रयागराज जैसे शहर के विकास को बढ़ाने में काफी सफल रहा। एक समय दुर्दांत माफिया पूरे प्रयागराज को रौंद रहा था। आज महाकुंभ से उसका कायाकल्प हो गया। विकास के अनेक कार्य हुए। महाकुंभ के कारण यह प्राचीन व पौराणिक नगरी आज नए कलेवर में दिखाई दे रही है।

सीएम मंगलवार को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक निजी चैनल द्वारा आयोजित महाकुंभ के सफाई कर्मियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। योगी ने सफाई कर्मियों पर पुष्पवर्षा भी की। उनको नींव का पत्थर और स्वच्छ कुंभ के संदेश को साकार करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि कार्य संपन्न होने के बाद अक्सर हर व्यक्ति आगे की सोचने लगता है। नींव पर बनी इमारत में सब रहते हैं, लेकिन पत्थर भुला दिए जाते हैं। उनके महत्व को विस्मृत कर दिया जाता है।

 ‘महाकुंभ की नींव’ को जिन स्वच्छता कर्मियों ने सुदृढ़ करने का प्रयास किया, जिनकी बदौलत यह दिव्य-भव्य हो पाया। कोई भी आयोजन सफलता की ऊंचाई पर तब पहुंचता है, जब सब लोग सामूहिक भाव के साथ मिलकर प्रयास करते हैं। सामूहिक प्रयास का परिणाम सफलता होती है। इसको जब सकारात्मक भाव के साथ देखते हैं तो समाज के लिए वह प्रेरणा बन जाती है। प्रयागराज में भी ऐसा ही हुआ। बुजुर्ग माता-पिता को स्नान कराने के लिए यूएस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके समेत तमाम देशों से लोगों के फोन आए। जो भी महाकुंभ में आया, उसने सफाई व सुरक्षा कर्मियों की प्रशंसा अवश्य की।

जितना दुष्प्रचार, उतनी बढ़ती गई भीड़

सीएम ने कहा कि जो लोग जितना दुष्प्रचार-अफवाह फैलाते थे, उन्हें जवाब देने के लिए जनता उतनी ही मजबूती से प्रयागराज आती रही। बहुत लोग जनता से नकारात्मक बयान दिलाने का प्रयास करते थे। एक यूट्यूबर ने कर्नाटक के श्रद्धालु से पूछा कि कितना पैदल चले। उसने उत्तर दिया, पांच किमी.। प्रश्न करने वाले ने कहा कि सरकार को व्यवस्था देनी चाहिए थी। श्रद्धालु ने कहा कि पैदल मैं चल रहा हूं, परेशानी तुम्हें क्यों हो रही है। भगवान के धाम तो पैदल ही जाना चाहिए। यह हमारे लिए साधना है।

जो आया, आशीर्वाद देकर गया

सीएम ने कहा कि सनातन धर्म का भाव ही कृतज्ञता का होता है। किसी ने यह नहीं बोला कि यह सरकारी आयोजन है। सबने अपना आयोजन माना। जो भी आया, वह आशीर्वाद देकर गया। यह मानवता का अब तक का सबसे बड़ा समागम था, जिसने देश-दुनिया को बहुत कुछ संदेश दिया है। इतने बड़े आयोजन भी हो सकते हैं। क्राउड मैनेजमेंट का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकता है। आस्था को आजीविका के साथ भी बदला जा सकता है। ढेर सारे लोगों के जीवन में परिवर्तन भी लाया जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here