इंडिया का नाम बदलकर भारत करने की मांग, सुनवाई से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडिया का नाम बदलकर भारत करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को गृह मंत्रालय के पास ज्ञापन देने को कहा है. उच्च न्यायालय ने गृह मंत्रालय से ज्ञापन पर जल्द से जल्द फैसला लेने को कहा है. केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने गृह मंत्रालय को पक्षकार नहीं बनाया है जबकि ऐसे मामले में फैसला गृह मंत्रालय को लेना होता है.

याचिका में सरकार को संविधान में संशोधन करने और इंडिया शब्द के स्थान पर ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ शब्द रखने का निर्देश देने की मांग की गई थी. इस मामले में पिछली सुनवाई 17 फरवरी को हुई थी. इस दौरान जस्टिस सचिन दत्ता ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दिया गया समय बढ़ा दिया था. कोर्ट ने 4 फरवरी की सुनवाई में केंद्र के वकील को मंत्रालय से निर्देश लेने के लिए समय दिया था.

याचिकाकर्ता ने SC में भी दाखिल की थी याचिका

याचिकाकर्ता नमह ने संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग की है. उनका कहना है कि देश का एक नाम होना चाहिए. संविधान में इंडिया का नाम बदलकर भारत कर देना चाहिए क्योंकि अभी हर कागज पर अलग नाम है. आधार कार्ड पर ‘भारत सरकार’ लिखा है. ड्राइविंग लाइसेंस पर ‘यूनियन ऑफ इंडिया’ लिखा है. पासपोर्ट पर ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ है. इससे कन्फ्यूजन होता है.

नमह इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने देश के मूल और प्रामाणिक नाम भारत को मान्यता देने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में संबंधित मंत्रालय को मामले का संज्ञान लेने का निर्देश दिया था, लेकिन मंत्रालय की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हुई.

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