‘भांग पीकर सदन में आते हैं नीतीश कुमार, महिलाओं का करते हैं अपमान’: राबड़ी देवी

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेत्री राबड़ी देवी ने मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सदन में भांग पीकर आते हैं और महिलाओं की बेइज्जती करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार 2005 से पहले के बिहार को लेकर की जा रही आपत्तिजनक टिप्पणियों से राज्य की जनता आहत है।

राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर नाराजगी जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि 2005 से पहले कोई कपड़ा पहनता था क्या? इस पर पलटवार करते हुए राबड़ी देवी ने कहा कि मैं राज्य सरकार और प्रधानमंत्री से पूछना चाहती हूं कि क्या 2005 से पहले आपके घर की महिलाएं कपड़ा नहीं पहनती थीं? क्या वे नंगी रहती थीं? उन्होंने इस बयान को घोर अपमानजनक और महिलाओं का अपमान करार दिया।

‘2005 से पहले भी हुआ था विकास’
राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार यह कहते हैं कि 2005 से पहले कुछ नहीं हुआ, लेकिन उन्हें फाइल खोलकर देखनी चाहिए कि बिहार में महिलाओं, पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए क्या-क्या काम हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार को सब कुछ 2005 से ही दिखता है, तो क्या वे उसी साल ऊपर से टपक गए? क्या उनका राजनीतिक जीवन उससे पहले अस्तित्व में ही नहीं था? उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि पत्रकार अपने माता-पिता से पूछें कि 2005 से पहले लोग क्या बिना कपड़ों के रहते थे? बाजार-हाट नहीं जाते थे? व्यापार नहीं होता था? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई ऐसी बातें केवल जनता की बुद्धिमत्ता का अपमान है।

‘सदन में महिलाओं की दो बार की बेइज्जती, यह अस्वीकार्य है’
राबड़ी देवी ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सदन के भीतर दो बार उनका अपमान किया है। उन्होंने कहा कि सदन में ऐसा व्यवहार न केवल व्यक्तिगत अपमान है, बल्कि सभी महिलाओं के लिए अपमानजनक उदाहरण है। उन्होंने नीतीश कुमार के व्यवहार को लोकतांत्रिक मूल्यों और गरिमा के खिलाफ बताया।

‘महिलाओं के सम्मान की राजनीति करनी चाहिए’
पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि बिहार की महिलाएं अब जागरूक हैं और ऐसे अपमानजनक बयानों को बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को जनता और विशेषकर महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। राबड़ी देवी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे महिला विरोधी मानसिकता का प्रमाण बताया है, वहीं सत्ता पक्ष की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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