दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित महानगर, जानें क्या है अन्य महानगरों का हाल

दिल्ली ने एक बार फिर देश के सबसे प्रदूषित महानगर का खिताब अपने नाम किया है। 2024-25 की सर्दियों (1 अक्तूबर से 31 जनवरी) के दौरान दिल्ली में पीएम 2.5 का औसत स्तर 175 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। यह आंकड़ा अन्य सभी महानगरों की तुलना में काफी अधिक है। हालांकि, एक अच्छी खबर यह है कि पिछले साल की सर्दियों की तुलना में दिल्ली की हवा थोड़ी बेहतर रही। बता दें कि, 2023-24 की सर्दियों में यह स्तर 189 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।\

कोलकाता देश का दूसरा सबसे प्रदूषित महानगर
राजधानी दिल्ली के बाद पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता देश का दूसरा सबसे प्रदूषित महानगर रहा, जहां 2024-25 की सर्दियों के दौरान पीएम 2.5 का औसत स्तर 65 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। हालांकि, यह स्तर दिल्ली की तुलना में काफी कम रहा है।

इन महानगरों में प्रदूषण की स्थिति में कोई बदलाव नहीं
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की इस रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि मुंबई, बंगलूरू और कोलकाता में पिछले साल की तुलना में प्रदूषण कम हुआ, जबकि चेन्नई और हैदराबाद में प्रदूषण का स्तर पहले जैसा ही बना रहा है।

2024-25 की सर्दियों में अन्य महानगरों का प्रदूषण स्तर (पीएम 2.5)

  • हैदराबाद: 52 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर
  • मुंबई: 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर  
  • बंगलूरू: 37 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर  
  • चेन्नई: 36 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर  

दिल्ली में प्रदूषण घटने के बावजूद स्थिति गंभीर
दिल्ली में भले ही पिछले साल के मुकाबले प्रदूषण थोड़ा कम हुआ हो, लेकिन यह अभी भी स्वास्थ्य मानकों से बहुत अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार,स्वस्थ हवा के लिए PM2.5 का स्तर 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके मुकाबले दिल्ली का प्रदूषण स्तर ग्यारह गुना ज्यादा रहा है।

प्रदूषण कम करने के लिए क्या है उपाय?
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली और अन्य महानगरों में प्रदूषण कम करने के लिए तमाम उपायोंपर ध्यान देना जरूरी है। जिसमें सबसे पहला ये है कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण करना जरूरी है और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना शामिल है। वहीं दूसरे नंबर पर पर्यावरण के अनुकूल उद्योग को स्थापित करना है इसके साथ ही कारखानों से निकलने वाले धुएं पर सख्त नियंत्रण भी जरूरी है। तीसरे नबंर पर पराली जलाने पर रोक लगाया जाना शामिल है। दरअसल, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर पराली जलाई जाती है। वहीं सबसे आखिर में और सबसे महत्वपूर्ण ये है कि पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ शहरों में हरित क्षेत्र बढ़ाने पर जोर देना बहुत आवश्यक है।

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