सय्यद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाले नेजा मेले की अनुमति पुलिस-प्रशासन ने देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही घंटाघर के नजदीक भी फोर्स तैनात कर दिया गया है। इस इलाके में नेजा मेले की ढाल लगाई जाती थी। जिस स्थान पर यह ढाल लगाई जाती उस स्थान को भी सीमेंट से बंद करा दिया और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है।
एएसपी श्रीश्चंद्र और सीओ अनुज चौधरी ने फोर्स के साथ बाजार में फ्लैग मार्च किया और शांति बनाए रखने की अपील की। एएसपी ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को ढाल लगाकर नुकसान पहुंचाया जाता था। इस कुरीति को होने नहीं दिया जाएगा। मंगलवार को धार्मिक नगर नेजा कमेटी द्वारा घंटाघर के नजदीक कोतवाली के सामने ढाल और झंडा लगाने की परंपरा होती थी।
यह परंपरा सय्यद सालार मसूद गाजी की याद में निभाई जाती थी। सोमवार को एएसपी श्रीश्चंद्र ने कमेटी से कहा था कि सय्यद सालार मसूद गाजी लूटेरा और हत्यारा था। इसलिए उसकी याद में ढाल और झंडा नहीं लगाने दिया जाएगा। यदि यह झंडा और ढाल जानबूझकर लगाई जाती रही है तो देशद्रोह है।
आगे कहा था कि सय्यद सालार मसूद गाजी ने अपने मामा महमूद गजनवी के साथ मिलकर सोमनाथ मंदिर और अन्य मंदिरों को लूटा था। वह महमूद गजनवी का सेनापति था। देश को लूटने वाले की याद में मेला नहीं लगेगा। इसी क्रम में मंगलवार को सुबह से ही पुलिस सतर्क दिखाई दी और बाजार में फ्लैगमार्च किया।
तीन दिन चलता था मेला, इस बार कहीं नहीं लगेगा
नेजा मेला ढाल और झंडा लगने के एक सप्ताह बाद शुरू होता है। इस बार 25 मार्च को शहबाजपुर सूरा नगला में मेला होना था। इसके बाद 26 मार्च को नगर पालिका परिसर और 27 मार्च को हसनपुर मार्ग पर स्थित बादल गुंबद पर आयोजन होना था। इन तीनों ही स्थानों पर मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। इन तीनों ही स्थानों पर मजार हैं और सैकड़ों की संख्या में लोग चादरपोशी करने पहुंचते थे।
हम उच्च अधिकारियों से नेजा मेला लगाने की मांग उठाएंगे: अध्यक्ष
धार्मिक नगर नेजा कमेटी के अध्यक्ष शाहिद हुसैन मसूदी ने कहा कि नेजे की ढाल और झंडा लगाने से आठ दिन पहले एसडीएम को पत्र देकर अवगत करा दिया था। उस समय अधिकारियों ने आपत्ति नहीं की थी। सोमवार को अचानक से अनुमति दिए जाने से मना कर दिया। सदियों से निभाई जा रही परंपरा को इस पूरा नहीं करने दिया जा रहा है। अध्यक्ष ने कहा कि वह उच्च अधिकारियों से मांग उठाएंगे कि नेजा मेले का आयोजन कराया जाए। लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है।
नेजा मेला कुरीति है। इसलिए मेला लगने नहीं दिया जाएगा। जहां ढाल लगाई जाती थी वह सड़क है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता था। रास्ता भी बाधित होता था। इसलिए वहां सीसीटीवी कैमरे के साथ फोर्स को लगा दिया है। उस स्थान को भी सीमेंट से बंद करा दिया है जिसमें ढाल लगाई जाती थी। – श्रीश्चंद्र, एएसपी (उत्तरी), संभल।