दूध का उत्पादन बढ़ाने पर फोकस, मोदी कैबिनेट ने मंजूर किया 6 हजार करोड़

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज बुधवार को देश में दूध का उत्पादन बढ़ाने पर राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत हजारों करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. साथ ही सरकार डेयरी विकास के लिए 3 हजार करोड़ का फंड देगी. इसके अलावा महाराष्ट्र में पगोटे से चौक को जोड़ने वाली जेएनपीए पोर्ट के लिए 4,500 करोड़ रुपये की लागत से 6-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड नेशनल हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है. साथ ही असम में यूरिया संयंत्र की स्थापना का रास्ता साफ कर दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने महाराष्ट्र में महत्वाकांक्षी JNPT (Jawahar Lal Nehru Port Trust) से 6-लेन के एक हाईवे को मंजूरी दी है. जिसकी लंबाई 29.219 किलोमीटर होगी. इस हाईवे पर 6 पुल होंगे जिसमें 2 सुरंग भी होगा.

पीएम गतिशक्ति प्लान के तहत बनेगा हाईवे

ये हाई-स्पीड नेशनल हाईवे पगोटे से चौक तक जाएगा. इस प्रोजेक्ट को 4,500.62 करोड़ रुपये की कुल लागत से बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर (बीओटी) मोड पर तैयार किया जाएगा.

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत में प्रमुख और छोटे बंदरगाहों को बुनियादी ढांचे से जोड़ने वाली सड़क का विकास पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PM Gatishakti National Master Plan) सिद्धांतों के तहत एकीकृत बुनियादी ढांचा नियोजन के मुख्य फोकस क्षेत्रों में से एक है.

UPI लेनदेन को बढ़ावा देने की कोशिश

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज की बैठक में देश में डेयरी विकास के लिए 2,790 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है. इसके अलावा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए 3,400 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.

इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,000 रुपये से कम मूल्य के यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए करीब 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत सरकार किसी व्यक्ति की ओर से व्यापारी को किए गए 2,000 रुपये से कम के भुगतान पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) व्यय वहन करेगी.

असम में यूरिया संयंत्र की स्थापना का रास्ता साफ

मोदी सरकार की ओर से असम में यूरिया संयंत्र की स्थापना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. इसकी अनुमानित लागत 10,601.4 करोड़ रुपये रखी गई है. केंद्र की ओर से यह मंजूरी अहम माने जाने वाले फसल पोषक तत्व के आयात को कम करने और भारत को इसके मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश के तहत दी गई है. मंत्रिमंडल की बैठक में असम के नामरूप स्थित ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BVFCL) के मौजूदा परिसर में 12.7 लाख टन सालाना यूरिया उत्पादन क्षमता वाले नए अमोनिया-यूरिया परिसर की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

यह प्लांट एक संयुक्त उद्यम (JV) के जरिये 70:30 के ऋण-इक्विटी अनुपात के साथ 10,601.40 करोड़ रुपये की अनुमानित कुल परियोजना लागत से स्थापित किया जाएगा. नामरूप-4 प्रोजेक्ट के चालू होने की संभावित समयसीमा 48 महीने है.

इस परियोजना से देश में खासतौर से पूर्वोत्तर क्षेत्र में घरेलू यूरिया उत्पादन क्षमता बढ़ेगी. इससे पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में यूरिया उर्वरकों की बढ़ती मांग पूरी होगी. नामरूप-4 प्रोजेक्ट की स्थापना से ऊर्जा की खपत अधिक होगी और क्षेत्र के लोगों के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी खुलेंगे.

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