औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर नागपुर में भड़की हिंसा की आंच से पूरे महाराष्ट्र का माहौल गर्म है। इस हिंसा में हिंसा के बाद नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा में तीन उपायुक्त (डीसीपी) समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि पांच नागरिक भी जख्मी हुए हैं। पुलिस ने पांच केस दर्ज कर 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण, पर नियंत्रण में है। इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जिसने भी ऐसा किया है उन्हें कब्र से भी खोदकर निकालेंगे। उन्होंने कहा किसी को भी नहीं बक्शा जाएगा।
बाकी सब कुछ क्षम्य है, पुलिस पर हमला क्षम्य नहीं- सीएम
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि पुलिस आयुक्त ने यह बताया है कि नागपुर की घटना की जांच की जा रही है और पुलिस अभी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा, ”नागपुर के मामले में जिसने भी पुलिस पर हमला किया है, उन्हें हम कब्र में से भी खोदकर निकालेंगे, छोड़ेंगे नहीं। बाकी सब कुछ क्षम्य है, पुलिस पर हमला क्षम्य नहीं है। कठोरतम कार्रवाई होगी और तय समय में होगी। नागपुर फिलहाल शांत है। नागपुर शांति के लिए ही जाना जाता है। 1992 के बाद नागपुर में कभी दंगा नहीं हुआ था। यह घटना इस समाज या उस समाज की नहीं, बल्कि कुछ लोगों द्वारा इरादतन किया गया कृत्य था। जो लोग सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ते हैं और अफवाहें फैलाते हैं, उन पर भी कठोरतम कार्रवाई होगी।”
सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही पुलिस
नागपुर हिंसा में डीसीपी निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से वार किया गया था। वह गंभीर रूप से घायल हैं। सीएम फडणवीस ने वीडियो कॉल पर उनसे बात की। हिंसा पर काबू पाने के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है। पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला ने अफसरों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का आदेश दिया है।
तैयारी से थे उपद्रवी, सीसीटीवी कैमरे तोड़े फिर घरों में लगाई आग
पुलिस के मुताबिक, उन्मादी भीड़ पूरी तैयारी से थी। उपद्रवियों ने घरों और क्लिनिक को चिह्नित कर उनमें तोड़फोड़ की व वाहनों में आगजनी की। सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया। उपद्रवी मास्क पहने और हाथों में रॉड लिए हुए थे। हिंसा के तांडव से खौफजदा नागपुर के लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई। लोगों ने बताया कि हिंदूवादी संगठन के औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग के बाद यह हिंसा भड़की।