शेयर मार्केट के नाम पर हो सकता है फ्रॉड, नोएडा में बिजनेसमैन के डूबे 1.15 करोड़

ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. खासकर शेयर बाजार की योजनाओं में इंस्टैंड प्रॉफिट का लालच देकर लोगों को फंसाया जा रहा है. इस स्कैम में उन खुदरा निवेशकों को टारगेट किया जा रहा है, जो शेयर बाजार के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, लेकिन तुरंत पैसा कमाना चाहते हैं. ऐसे ही नोएडा के कारोबारी के साथ फ्रॉड हुआ है. जिनसे इस स्कैन के तहत 1.15 करोड़ रुपए की ठगी हो गई है. पीड़ित कारोबारी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो और साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. जिसकी जांच शुरू हो गई है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है.

कारोबारी को इस तरह से फंसाया

नोएडा के सेक्टर 44 में रहने वाले पीड़ित से 27 जनवरी को खुद को ऋषिता बताने वाली एक महिला ने संपर्क किया, जिसने उसे दो वेबसाइट – catalystgroupstar.com और pe.catamarketss.com के माध्यम से निवेश करने के लिए राजी किया. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों लिंक ने उसे दूसरे पोर्टल, m.catamarketss.com पर रीडायरेक्ट कर दिया. व्यवसायी ने 31 जनवरी को अपनी बहन के अकाउंट्स से 1 लाख रुपये का शुरुआती निवेश किया. एक दिन बाद, उसे 15,040 रुपये के प्रॉफिट की सूचना दी गई, जिसे वह निकालने में सक्षम था, जिससे योजना में उसका भरोसा और मजबूत हो गया. शुरुआती प्रॉफिट से उत्साहित होकर, शिकायतकर्ता ने फरवरी तक इस स्कीम में निवेश करना जारी रखा, ऋषिता के निर्देशों के आधार पर विभिन्न खातों में कुल 65 लाख रुपए का निवेश किया. उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनका कुल निवेश 1.9 करोड़ रुपए हो गया है.

फिर शुरू हुआ असली खेल

हालांकि, राशि निकालने के लिए, उन्हें पहले “टैक्स” के रूप में 31.6 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था, जिसे उन्होंने मार्च की शुरुआत में जमा कर दिया था. बाद में, जालसाजों ने 24 घंटे के भीतर उनके धन को जारी करने के वादे के साथ “कंवर्जन चार्ज” के रूप में अतिरिक्त 18.6 लाख रुपये की मांग की. कई बार भुगतान करने के बावजूद, शिकायतकर्ता को न तो उसका निवेश मिला और न ही वादा किया गया प्रॉफिट. इसके बसद, जालसाजों ने 40 लाख रुपए और मांगे, जिस पर व्यवसायी को एहसास हुआ कि उसके साथ फ्रॉड हुआ है.

साइबर ​क्राइम ने मामला किया दर्ज

पीड़ित ने इसके बाद बिल्कुल भी देर ना करते हुए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) (फ्रॉड) और 319(2) (पहचान बताकर फ्रॉड) और आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज किया गया है. अधिकारी अब मामले की जांच कर रहे हैं.

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