सहारनपुर: पिलर पर रखते समय गिरे सीमेंटिड बीम, तीन मजदूर दबे

जडौदापांडा। दिल्ली-देहरादून ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे पर मोरा गांव के पास गंगा लिंक नहर पर पुल निर्माण के दौरान पिलरों रखते समय तीन सीमेंटिड बीम टूटकर नीचे जा पड़े। इस दौरान बीम रखने के कार्य में जुटे तीन मजदूर मलबे के नीचे दब गए। ठेकेदार फर्म के कर्मचारी मलबे से निकालकर घायल मजदूरों को निजी अस्पताल ले गए।

दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। कृष्णा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने एक्सप्रेसवे पर मोरा गांव के पास गंगा लिंक नहर पर पुल निर्माण का ठेका लिया हुआ है। कंपनी कई महीने से पुल निर्माण कार्य में जुटी थी। सिंचाई के चलते गंगा लिंक नहर में पानी छोड़े जाने का दबाव बन रहा था।

साेमवार को लिंक नहर में पानी छोड़े जाने की तैयारी थी। इसके चलते रविवार को पिलरों पर बीम रखे जाने का कार्य किया जा रहा था। मोरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि रविवार देर शाम करीब साढ़े सात बजे पिलरों पर दो बीम रखने के बाद जैसे ही क्रेन से तीसरा बीम रखा जा रहा था, तभी बीम दोनों बीमों से टकरा गया और तीनों बीम टूटकर नीचे जा गिरे। इस दौरान बीम रखने के काम में लगे तीन मजदूर भी मलबे में दब गए।

उन्हें क्रेन की मदद से जैसे-तैसे निकाला गया। ठेकेदार फर्म के कर्मचारी उन्हें निजी अस्पताल में ले गए। हादसे में पिलरों के नजदीक खड़ा एक डंपर भी क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे के बाद सभी मजदूर और कर्मचारी वहां से गायब हो गए। सीमेंटिड बीमों के मलबे में अन्य मजदूरों के दबे होने की आशंका में देर रात तक भी राहत और बचाव कार्य जारी रहा। काफी संख्या में ग्रामीण भी घटनास्थल पर डटे रहे।उन्होंने ठेकेदार फर्म पर पुल निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किए जाने के चलते बीम टूटने का आरोप लगाया। करीब साढ़े आठ बजे ठेकेदार कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर शिव मोहन भी घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर को वहां से वापस भेज दिया।

किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष ठाकुर अजब सिंह का कहना है कि आशंका है कि गिरे तीन बीम के नीचे कई मजदूर दबे हैं। मौके से सभी अधिकारी फरार हैं। घटना को लेकर जिलाधिकारी व एडीएम से फोन पर बात की जाएगी।किसान मजदूर संगठन के जिला सचिव गौरव राणा का कहना है कि घटिया सामग्री से बनाए जा रहे बीम की उच्च अधिकारियों से जांच कराई जाए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

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