सौरभ हत्याकांड में जेल में बंद साहिल शुक्ला ने जेल अधीक्षक को प्रार्थना देकर केस लड़ने व पैरोकारी के लिए सरकारी वकील की मांग की है। इससे पहले मुस्कान भी सरकारी वकील की मांग कर चुकी है। अभी तक दोनों के परिजनों में से कोई भी उनसे मिलने जेल नहीं पहुंचा है। मुस्कान के परिजनों ने उसकी पैरोकारी करने से इन्कार किया था। अब साहिल के परिजनों ने भी उससे मिलने और पैरोकारी करने से मना कर दिया है।
जेल अधीक्षक विरेश राज शर्मा ने बताया कि पैरोकारी की मांग करने पर दोनों आरोपियों के प्रार्थना पत्र अदालत भिजवा दिए गए हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों को सरकारी वकील मिल जाएंगे। दोनों की स्थिति सामान्य हो रही है। हालांकि अभी भी निगरानी में रखा गया है। योग और नशा मुक्ति केंद्र में उनकी काउंसलिंग कराई जा रही है, ताकि वो नशे की गिरफ्त से बाहर आ सकें। डॉक्टरों से भी उनका उपचार कराया जा रहा है। दोनों को सुबह चाय, इसके बाद नाश्ता, दोपहर में खाना और शाम को फिर खाना दिया जा रहा है। पहले चार दिनों तक उन्होंने खाना बहुत कम खाया था, अब वो भरपेट खाना खा रहे हैं। अन्य बंदियों को उनसे बात न करने की हिदायत दी गई है।
बेटी को भी याद नहीं किया
जेल में बंद मुस्कान ने एक बार भी अपनी बेटी को याद नहीं किया। जेल अधीक्षक ने बताया कि दोनों जेल से बाहर निकलना चाहते हैं। दोनों ही अपने परिजनों को याद नहीं करते। मुस्कान ने अपनी बेटी को भी याद नहीं किया। जेल मैन्युअल के अनुसार दस दिनों के बाद उन्हें काम करना होगा। महिला जेल में सिलाई और फुटबॉल बनाना सिखाया जाता है। मुस्कान से पूछा जाएगा कि वो क्या करना चाहती है। उसके बाद उसे उसका ही प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अभी प्रेग्नेंसी टेस्ट नहीं कराया
जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल नियमावली के अनुसार महिला बंदी की हालत को देखकर महिला डॉक्टर ही प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने की मांग करती है। इसके बाद जिला चिकित्सालय में उसका टेस्ट कराया जाता है। अभी डॉक्टरों ने इस टेस्ट की सलाह नहीं दी है।