पंजाब व हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसान मोर्चों को हटाए जाने के बाद किसानों ने फिर से किसान आंदोलन शुरू कर दिया है। इस बाद किसानों का मोर्चा फरीदकोट में लगाया गया है। फरीदकोट में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के पैतृक गांव डल्लेवाला में किसान मोर्चा शुरू किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत अन्य नेताओं को हिरासत में लेकर खनौरी और शंभू बॉर्डर से किसान मोर्चे जबरन खत्म करवाया था। इसके बाद मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर ने फरीदकोट में संगठन के प्रदेशाध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल के पैतृक गांव डल्लेवाला में राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा शुरू कर दिया।
इससे पहले संगठन ने गांव में प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई गई। बैठक में जिला, ब्लॉक और गांव स्तर की इकाइयों के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि जब तक गिरफ्तार किए गए सभी किसान नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, वह गांव के डटकर इस मोर्चे को मजबूत बनाएंगे।
डल्लेवाल के बेटे के नेतृत्व में धरना शुरू
19 मार्च को केंद्र सरकार के साथ चंडीगढ़ में बैठक के बाद पंजाब पुलिस ने जगजीत सिंह डल्लेवाला समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया था। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान मोर्चे को भी बलपूर्वक समाप्त करवाया था। इसके विरोध में राज्य भर में प्रदर्शन हुए। कई किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। एक दिन पहले ही जगजीत सिंह के बेटे गुरपिंदर सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गांव डल्लेवाला में बेमियादी धरना शुरू किया था। मंगलवार को यह धरना मोर्चे में तब्दील हो गया। नेताओं ने जगजीत सिंह की सेहत पर चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि नेता से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है।

इलाके में पुलिस बल किया तैनात
इस मौके पर किसान नेता सुरजीत सिंह ,बेअंत सिंह, जतिंदरजीत सिंह भिंडर आदि ने कहा कि राज्य सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है। वे नेताओं की रिहाई तक गांव डल्लेवाला में डटे रहेंगे। मोर्चे के शुरू होते ही गांव और आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। किसानों को आशंका है कि सरकार इस मोर्चे को भी बल प्रयोग से समाप्त कर सकती है। हालांकि, वे गिरफ्तारी के लिए तैयार होकर आए हैं।