‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक समय’, संसद में बोलने न देने के राहुल गांधी के दावे पर संजय राउत का बयान

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने गुरुवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संसद में बोलने की कथित अनुमति न देने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की आलोचना की। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक समय करार दिया। एएनआई से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, ‘राहुल गांधी लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं। अगर ऐसे नेता को स्पीकर संसद के अंदर बोलने की अनुमति नहीं देते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक समय नहीं तो और क्या है। अगर आपको विपक्ष को चुप कराना है तो आप संसद क्यों चला रहे हैं?’

उन्होंने लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, ‘विपक्ष लोकतंत्र की आवाज है। अगर आप उस आवाज को ही चुप करा देंगे, तो एक दिन आप संसद भी बंद कर सकते हैं।’ यह बयान उस समय आया है, जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि उन्हें सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी गई।

क्या है मामला?
दरअसल, बीते दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सख्त हिदायत दी थी। उन्होंने कांग्रेस नेता से सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए नियमों का पालन करने को कहा था। इस पर राहुल की ओर से कहा गया कि मैंने तो कुछ भी नहीं बोला, मैं तो चुपचाप बैठा था। विपक्ष को बोलने ही कहा दिया जाता है।

राहुल गांधी ने क्या कहा?
इतना कहकर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान सदन से बाहर आए लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘एक कन्वेंशन है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है। मैं जब भी खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है। यहां हम जो कहना चाहते हैं, हमें कहने नहीं दिया जाता है। मैंने कुछ नहीं किया, मैं बिल्कुल शांति से बैठा था। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष की जगह होती है, लेकिन यहां विपक्ष की कोई जगह नहीं है। यहां केवल सरकार की जगह है। उस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ मेले के बारे में बोला, जिसमें मैं अपनी बात जोड़ना चाहता था। मैं बेरोजगारी के बारे में कुछ कहना चाहता था लेकिन मुझे नहीं बोलने दिया गया…।’

लोकसभा अलोकतांत्रिक तरीके से चल रही: राहुल
विपक्ष के नेता ने दावा किया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है और सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने उनके बारे में टिप्पणी की और फिर उन्हें बोलने का मौका दिए बिना सदन को स्थगित कर दिया। पिछले सप्ताह उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई थी।

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