कांठ में एक घंटे के भीतर कुत्ते ने 10 बच्चों को काटकर घायल कर दिया। घायलों को सीएचसी को सीएचसी में एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई गई। दो बच्चों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया। नगर व क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे कुत्तों के आतंक से लोगों में खौफ है।मोहल्ला पृथ्वीगंज और घोसीपुरा में एक कुत्ता घरों के बाहर खेल रहे छोटे-छोटे बच्चों को दौड़ा-दौड़ाकर काटने लगा।
कुत्ते ने एक के बाद एक 10 से भी अधिक बच्चों को काटकर घायल कर दिया। इससे दोनों मोहल्लों में अफरातफरी मच गई। कुत्ते के काटने से अलफिया, विसमा, सिजरा, अलीसा, अर्श निवासी मोहल्ला पृथ्वीगंज, तारिक, आसिफ निवासी घोसीपुरा जख्मी हो गए। उन्हें तुरंत सीएचसी ले जाया गया।
अलफिया और तारिक को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इससे पहले आठ फरवरी को भी 20 से अधिक लोगों को काटकर गंभीर घायल कर दिया था।
नगर क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पकड़वाने का काम नगर पंचायत का है। कुत्तों के हमलों की शिकायतें बढ़ रही हैं। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कुत्तों को पकड़वाने के लिए अधिशासी अधिकारी को निर्देश देंगे। – संत दास पंवार, एसडीएम, कांठ
हर माह 3300 शिकार, घायलों में एक तिहाई बच्चे
मुरादाबाद जिले में कुत्ते खूंखार हो गए हैं। पिछले तीन महीने में लगभग 10 हजार लोगों पर कुत्तों ने हमला किया। हर महीने तीन हजार से ज्यादा लोगों को कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं। इसमें हर तीसरा पीड़ित पांच से 12 साल की उम्र का है। पिछले माह की रिपोर्ट के अनुसार जिला अस्पताल पहुंचे कुत्ते का शिकार 3300 लोगों में से बच्चों की संख्या 1200 रही।
जिला अस्पताल में उन्हें एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) लगाई गई। सीएचसी पर भी बड़ी संख्या में घायल पहुंचते हैं। गांवों से लेकर शहर तक खूंखार कुत्ते मासूम बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम कुत्तों की नसबंदी में खानापूर्ति कर रहा है। जिले की गलियों में लोगों को शिकार बना रहे सैकड़ों कुत्तों का रिकॉर्ड ही नहीं है।
शहर की सड़कों पर लगभग 15 हजार कुत्ते घूम रहे हैं। इसी का नतीजा है कि कुत्तों के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल के अलावा जिले के नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई जाती हैं। यहां भी हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसके बावजूद नगर निगम या अन्य नगर निकायों की ओर से कुत्तों की नसबंदी के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
जिला अस्पताल में रोजाना औसतन 125 लोग एआरवी लगवाने पहुंचते हैं। इस आंकड़े के मुताबिक हर घंटे पांच लोगों को कुत्ते काटते हैं। जिले की प्रत्येक सीएचसी पर भी हर दिन औसतन 15 से 20 लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचते हैं। निजी अस्पतालों में इसी वैक्सीन की एक डोज 300 रुपये में लगाई जाती है। संक्रमण खत्म करने के लिए तीन डोज लगवाना अनिवार्य होता है।