आने वाले दिनों में देशभर में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार ने एडमिनिस्टर्ड प्राइसिंग मैकेनिज्म (APM) के तहत आने वाले पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों में 4% की वृद्धि की है। इन क्षेत्रों से मिलने वाली गैस का उपयोग मुख्य रूप से सीएनजी, बिजली उत्पादन और उर्वरक निर्माण में किया जाता है। ऐसे में गैस की बढ़ी हुई कीमत का असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर भी पड़ सकता है।
कितनी बढ़ी APM गैस की कीमत?
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 1 अप्रैल से APM गैस की कीमत 6.50 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) से बढ़ाकर 6.75 डॉलर प्रति यूनिट कर दी गई है। इस गैस का उत्पादन प्रमुख सरकारी तेल कंपनियां, जैसे कि ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL), नामित क्षेत्रों से करती हैं। इस गैस का उपयोग रसोई में पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG), सीएनजी वाहनों, उर्वरक उत्पादन और बिजली उत्पादन में किया जाता है। यह दो वर्षों में APM गैस की कीमत में पहली बढ़ोतरी है।
कैसे तय होती हैं गैस की कीमतें?
अप्रैल 2023 में केंद्र सरकार ने प्राकृतिक गैस के थोक मूल्य निर्धारण के लिए एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश को स्वीकार किया था। इसके तहत घरेलू गैस की कीमत को कच्चे तेल के औसत आयात मूल्य के 10% के आधार पर तय किया जाता है। सरकार ने न्यूनतम कीमत 4 डॉलर प्रति MMBTU और अधिकतम सीमा 6.50 डॉलर तय की थी। हालांकि, अब इसमें 0.25 डॉलर प्रति यूनिट की वार्षिक वृद्धि का प्रावधान किया गया है।
कितने समय तक प्रभावी रहेंगी नई कीमतें?
PPAC के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक APM गैस की कीमत को 7.26 डॉलर प्रति यूनिट होना चाहिए था, लेकिन यह अधिकतम सीमा के अधीन थी। इसलिए कीमत को 6.50 डॉलर से बढ़ाकर 6.75 डॉलर प्रति यूनिट कर दिया गया है। यह दर मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी और अप्रैल 2025 में इसमें 0.25 डॉलर प्रति यूनिट की वृद्धि की जाएगी।
पहले कैसे तय होते थे दाम?
अप्रैल 2023 से पहले APM गैस की कीमत हर छह महीने में एक फार्मूले के तहत तय की जाती थी, जिसमें चार अंतरराष्ट्रीय गैस हब की औसत कीमत को आधार बनाया जाता था। वर्तमान में, घरेलू गैस उत्पादन में APM गैस की हिस्सेदारी 70% है। यह गैस शहरों में सीएनजी आपूर्ति और घरेलू पीएनजी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जाती है। अप्रैल 2023 के फैसले के बाद, इसकी कीमतों की मासिक समीक्षा होती है, लेकिन यह न्यूनतम और अधिकतम मूल्य सीमा के तहत रहती है। अब अधिकतम कीमत 6.75 डॉलर प्रति यूनिट निर्धारित की गई है।