जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी, मार्च में पहुंचा 1.96 लाख करोड़ रुपए

फाइनेंशियल ईयर के अंतिम महीने में जीएसटी कलेक्शन 9.9% बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 8.8% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हुआ, जबकि आयातित वस्तुओं से यह 13.56% बढ़कर 46,919 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मार्च में कुल रिफंड 41% की बढ़ोतरी के साथ 19,615 करोड़ रुपये रहा। रिफंड को समायोजित करने के बाद मार्च 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.3% अधिक है।

वित्त वर्ष 2025 में जीएसटी से हुई इतनी कमाई

फरवरी 2025 में सरकार को जीएसटी से 1.84 लाख करोड़ रुपये की आमदनी हुई, जबकि जनवरी 2025 में यह आंकड़ा 1.96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पूरे वित्त वर्ष (1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025) के दौरान जीएसटी संग्रह 22.09 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

महीनेवार जीएसटी कलेक्शन:

महीनाजीएसटी कलेक्शन (लाख करोड़ रुपये)
अप्रैल 20242.1
मई 20241.73
जून 20241.74
जुलाई 20241.82
अगस्त 20241.75
सितंबर 20241.73
अक्टूबर 20241.87
नवंबर 20241.82
दिसंबर 20241.77
जनवरी 20251.96
फरवरी 20251.84
मार्च 20251.96
कुल22.09

1 अप्रैल से लागू होंगे नए जीएसटी नियम

नए नियमों के तहत, अब बिजनेस करने वालों को कॉमन इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को अन्य जीएसटी रजिस्ट्रेशन में आवंटित करने के लिए ISD (इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर) मैकेनिज्म का उपयोग अनिवार्य रूप से करना होगा। अगर ISD का उपयोग नहीं किया जाता, तो रेसिपिएंट लोकेशन के लिए ITC की अनुमति नहीं दी जाएगी।

गलत ITC वितरण की स्थिति में टैक्स अथॉरिटी ब्याज सहित वसूली कर सकती है और जुर्माना लगाया जाएगा, जो या तो ITC की राशि के बराबर होगा या फिर 10,000 रुपये से अधिक होगा।

जीएसटी सिस्टम को और पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम

इस बदलाव से जीएसटी सिस्टम को अधिक व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। नए ISD सिस्टम के तहत राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू का संतुलन बेहतर होगा और व्यवसायों को टैक्स देनदारियों को सही तरीके से प्रबंधित करने में आसानी होगी। इससे टैक्स चोरी पर लगाम लगाने और सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

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