भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट वाला ब्रिज तैयार, राम नवमी पर पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

रामेश्वरम को देश के दूसरे हिस्से से जोड़ने वाला भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज बनकर तैयार है. खास बातचीत में भारतीय रेलवे के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने बताया कि आगामी 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पुल को जनता को समर्पित करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में स्थित भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज यानी नया पम्बन ब्रिज, भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रगति का प्रतीक है. उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण यह पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है.

बात यदि पंबन ब्रिज की करें तो यह आधुनिक परिवहन मांगों के अनुरुप है. 21वीं सदी की शुरुआत में पुराना पम्बन ब्रिज आधुनिक यातायात की मांगों को पूरा करने में असमर्थ हो गया था. इस चुनौती के समाधान हेतु एक नई संरचना की कल्पना की गई, जो तकनीकी रूप से उन्नत, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार हो.

क्या है इसका सामरिक महत्व

पंबन ब्रिज से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर हमारी सामुद्रिक सीमा का अंत हो जाता है. यहां से श्रीलंका जाने में महज चंद घंटे लगते हैं. ऐसे में हाल के दिनों में जिस तरह से श्रीलंका में चीन ने अपना पैर पसारा है, उसे देखते हुए पंबन ब्रिज का सामरिक महत्व काफी बढ़ जाता है. पुराने ब्रिज के ओपन होने में 45 मिनट का समय लगता था, लेकिन नया ब्रिज महज 5 मिनट में ओपन हो जाएगा, जिससे कि जहाजों को आवागमन सुनिश्चित हो सके.

इस नए ब्रिज की नींव पीएम मोदी ने रखी

वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार ने इस ब्रिज के पुनर्निर्माण को मंजूरी दी. यदि इसकी विशेषताओं की बात करें तो यह ब्रिज 2.08 किलोमीटर लंबा है और इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है. यह पुराने ब्रिज की तुलना में तीन मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाजों के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध होता है.

सब-स्ट्रक्चर और सुपर-स्ट्रक्चर

दिलीप कुमार ने बताया कि 333 पाइल्स और 101 पाइल कैप्स के साथ निर्मित यह आधार दो ट्रैकों के लिए डिजाइन किया गया है. साथ ही संरचना को 58 वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए एक उन्नत सतह सुरक्षा प्रणाली उपयोग की गई है. पॉलिसिलोक्सेन पैट, स्टेनलेस स्टील की मजबूती और फाइबर रिइंफोर्ड प्लास्टिक (FRP) का उपयोग इसे टिकाऊ बनाता है.

ट्रायल रन सफल रहा

दिलीप कुमार ने बाताया कि मंडपम छोर से 1.5 किलोमीटर के खंड पर एक मालगाड़ी का सफल परीक्षण किया गया. यह तकनीकी श्रेष्ठता का उदाहरण है. इसमें कुछ इंटरनेशनल कंसल्टेंट TYPSA और IIT चेन्नई व IIT बॉम्बे द्वारा डिजाइन की पुष्टि की गई है. ब्रिज के केंद्र में 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है, जिसे जहाजों के गुजरने के लिए ऊपर उठाया जा सकता है.

क्या है यहां का सांस्कृतिक महत्व

दिलीप कुमार ने कहा कि रामेश्वरम भारतीय तीर्थस्थलों में से एक है. यह नया ब्रिज तीर्थयात्रियों को आरामदायक यात्रा की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वे इस क्षेत्र की आध्यात्मिक समृद्धि का अनुभव कर सकें. नए पम्बन ब्रिज भारत की प्रगति, नवाचार और विरासत के सम्मान का प्रतीक है. यह न केवल रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ता है, बल्कि भारत को इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के वैश्विक मंच पर खड़ा करता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here