मध्य प्रदेश के जबलपुर के जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मंगलवार को हिंदूवादी संगठनों के सैकड़ों लोगों ने नारेबाजी करते हुए जमकर तोड़फोड़ की. संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने स्कूल परिसर में घुसकर उपद्रव मचाया. मुख्य गेट के ऊपर लगे बोर्ड को तोड़ दिया और खिड़कियों के कांच चकनाचूर कर दिए. घटना की जानकारी लगते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए हिंदूवादी लोगों को शांत कराया.
इस पूरे विवाद की जड़ स्कूल के मालिक अखिलेश मेबन का व्हाट्सएप स्टेटस बताया जा रहा है. उन्होंने कथित रूप से अपने स्टेटस पर लिखा “ब्लडी हिन्दू राम के बास्टर्ड चिल्ड्रन”, जिससे हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया. विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश बताया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
सैकड़ों की तादाद पर हिंदूवादी नेता और लोग स्कूल पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए स्कूल के अंदर जाकर तोड़फोड़ शुरू कर दी. आनन-फानन में स्कूल प्रबंधन ने इसकी सूचना विजय नगर पुलिस को दी. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए लोगों को शांत कराया.
धर्मांतरण विवाद से जुड़ा मामला
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही धर्मांतरण के आरोपों को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने मंडल के महाराजपुर से जबलपुर आए कुछ लोगों को पड़कर रांझी पुलिस थाने ले गए थे. इस दौरान पुलिस के सामने ही ईसाई समुदाय से जुड़े पदाधिकारियों के साथ मारपीट भी हुई थी. इसके अगले ही दिन जॉय स्कूल के मालिक द्वारा व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक स्टेटस लगाया गया, जिससे मामला और भड़क गया.
स्कूल में तोड़फोड़ और हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में किया. पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस और प्रशासन ने सभी समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. मामले में शामिल सभी पक्षों से पूछताछ की जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.
हिंदूवादी संगठनों का आरोप
दुर्गा वाहिनी प्रांत सह नेहा प्यासी का कहना है कि जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन के द्वारा हमारे आराध्य भगवान श्री राम को लेकर टिप्पणी की गई है, जिससे हमारी भावनाएं आहत हुई हैं. नवरात्रि का समय चल रहा है और इस तरह भगवान पर टिप्पणी हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर 24 घंटे के अंदर स्कूल के संचालक अखिलेश मेबन पर एफआईआर दर्ज नहीं होगी तो वह सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे.