AI तकनीक का दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है। हाल ही में Ghibli स्टाइल में फोटो बनाने की क्षमता दिखाने के बाद, अब AI ऐप चैटजीपीटी के जरिए फर्जी आधार और पैन कार्ड तैयार किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं। ये नकली दस्तावेज असली कार्ड से इतने मिलते-जुलते हैं कि अंतर कर पाना मुश्किल हो रहा है।
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया Ghibli स्टाइल की तस्वीरों से भर गया था, जिसे चैटजीपीटी के इमेज जेनरेटर ने बनाया था। इस ट्रेंड के बीच अब एक नई समस्या उभर रही है—AI की मदद से नकली सरकारी दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं।
कैसे बन रहे हैं फर्जी आधार और पैन कार्ड?
चैटजीपीटी का नया इमेज जेनरेटर लॉन्च होते ही लोगों ने इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल शुरू कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ एक हफ्ते में 700 मिलियन से अधिक Ghibli स्टाइल की तस्वीरें बनाई गईं। लेकिन अब कुछ लोग इसी तकनीक से आधार और पैन कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज बना रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे नकली दस्तावेज
एक्स (पूर्व में ट्विटर) समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर्स ने AI से बने नकली आधार और पैन कार्ड की तस्वीरें शेयर की हैं। लोग दावा कर रहे हैं कि चैटजीपीटी कुछ आसान निर्देशों पर ही हूबहू असली जैसे दिखने वाले पहचान पत्र बना रहा है।
सुरक्षा के लिए बढ़ा खतरा
AI द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाने की यह प्रवृत्ति सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आगे चलकर धोखाधड़ी और साइबर अपराधों को बढ़ावा दे सकता है। सरकार और तकनीकी कंपनियों को इस पर जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने की जरूरत है।