हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बहुचर्चित जंजैहली के भलवाड़ चिट्टा प्रकरण में एसआईटी ने विकास खंड कार्यालय सराज में कार्यरत मनरेगा के जूनियर अकाउंटेंट संजय कुमार और बिजली बोर्ड में तैनात टीमेट लाल सिंह उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया है। एसआईटी अब तक इस सिंडिकेट में संलिप्त दस लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पकड़े गए सभी आरोपी अवैध रूप से सिंथेटिक ड्रग्स यानी चिट्टे के अवैध कारोबार को एक सिंडिकेट की तरह अंजाम दे रहे थे। चिट्टा प्रकरण में सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी से सराज क्षेत्र में हर कोई स्तब्ध है।
आरोपी संजय कुमार के बैक खातों में पिछले एक साल से मुख्य आरोपी रूबल ठाकुर व लवली के साथ लेनदेन हुई है। संजय ने रूबल के साथ वर्ष 2024-25 में दस बार बैंक खातों से ट्रांजेक्शन की है। एसबीआई के खाते से 30 हजार रुपये और एचडीएफसी के खाते से 30,500 रुपये भेजे। इसी दौरान उसने 25 बार लवली के खाते में एसबीआई से 73,500 रुपये जबकि एचडीएफसी से 77,800 रुपये भेजे। दूसरे आरोपी लाल सिंह उर्फ पप्पू ने 2024-25 में एसबीआई के खाते से मुख्य आरोपी रूबल को 22, 690 रुपये भेजे।
जबकि लवली को 57 हजार रुपये दिए। एसआईटी जांच के अनुसार रूबल ठाकर व लवली के साथ चिट्टे के कारोबार के लिए काफी लेनदेन हुआ है। दोनों आरोपियों की कॉल डिटेल में मुख्य आरोपी लवली व रूबल के साथ कई बार बातचीत हुई है। दोनों आरोपियों की इस अवैध कारोबार में संलिप्तता पाई गई है। उधर, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने बातया कि दोनों आरोपियों का अदालत से पांच दिन का रिमांड मिला है। मामले में नियमानुसार जांच जारी है।
सिंडिकेट बनाकर किया संगठित अपराध
जंजैहली चिट्टा प्रकरण में एसआईटी अब तक दस लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 15 फरवरी को रूबल ठाकुर और संदीप की गिरफ्तारी के साथ इस केस की परतें खुलती जा रही हैं। अब तक हुई जांच के अनुसार मुख्य आरोपी रूबल, लवली और संदीप कुमार ने सराज क्षेत्र में चिट्टा का सेवन करने के लिए नेटवर्क तैयार किया था। संदीप स्वयं स्थानीय नेटवर्क को अपनी गाड़ी से हेरोइन को ग्रामीण क्षेत्रों की गली-गली में उपलब्ध करवाता था। फिरोजपुर से चिट्टा खरीदने और सराज में खेप को बिकवाने में इसका मुख्य हाथ पाया गया है।
इसमें संजय कुमार और लाल सिंह उर्फ पप्पू उनका साथ देते थे। एसआईटी जांच में आया कि सभी लोग एक-दूसरे को आपस में जानते हैं। अब तक इस अभियोग में गिरफ्तार संदीप, लवली, संजय, लाल सिंह उर्फ पप्पू, राजेंद्र, पवन और भूपेंद्र सिर्फ रूबल को प्रत्यक्ष तौर जानते हैं। रुबल ठाकुर सिर्फ आकाश को जानता है। जबकि मनजिंदर कौर व इद्रंजीत सिंह केवल आकाश को जानते हैं। यह दोनों मुख्य आरोपी रूबल ठाकुर को नहीं जानते। बता दें कि इस पूरे मामले में पहले भी एक बीडीओ कार्यालय सराज में आउटसोर्स पर तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को गिरफ्तार किया था। जिसे बर्खास्त किया जा चुका है।