अस्पतालों में पर्ची बनाने के एवज में लोगों को अब 10 रुपये यूजर चार्ज चुकाना होगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने सोमवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अभी किसी भी अस्पताल में पर्ची शुल्क शुरू नहीं किया गया है, लेकिन जल्द ही पर्ची बनाने के 10 रुपये शुरू हो सकते हैं। डॉ. शांडिल ने तर्क दिया कि मुफ्त की पर्ची को लोग संभालकर नहीं रखते, जिससे डॉक्टरों को भी समस्या पेश आती है। पर्ची बनाने के 10 रुपये लगेंगे तो लोग पर्ची को संभालकर रखेंगे।
डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियां पर्ची बनाने के एवज में 10 रुपये यूजर चार्ज ले सकती हैं। पीजीआई चंडीगढ़ में भी पर्ची बनाने के 10 रुपये लगते हैं। अगर आरकेएस हिमाचल में भी पर्ची शुल्क लगाता है तो यह सही फैसला होगा। इससे रोगी कल्याण समितियों की थोड़ी बहुत कमाई होगी, यह पैसा किसी की जेब में नहीं जाएगा। मुफ्त में पर्ची बनाने के लिए अस्पतालों के पर्ची काउंटरों पर कई बार नर्सिंग स्टाफ की भीड़ लगी होती है, कई लोगों की पर्चियां इस तरह बनाई जाती हैं, पर्ची की फीस तय होने के बाद कोई भी इस तरह पर्चियां नहीं बनाएगा।
मंडी, कांगड़ा, सोलन के लिए केयर ऑन व्हील वाहन रवाना
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल ने सोमवार को सचिवालय परिसर से मंडी, कांगड़ा और सोलन के लिए केयर ऑन व्हील वाहन रवाना किए। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए तीन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन वाहनों के माध्यम से मरीजों को लगभग 25 प्रकार की टेस्ट सुविधा प्रदान की जाएगी। इनमें टीबी जांच, ब्लड काउंट, एलबुमिन, एचडीएल, यूरिक एसिड और कॉलेस्ट्रोल टेस्ट शामिल हैं। इसके अलावा पैलिएटिव केयर, हेंड-हैल्ड एक्स-रे और एक्स-रे मशीन सहित आधुनिक स्वास्थ्य उपकरण की सुविधा उपलब्ध है। इन वाहनों की मदद से चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ लोगों को गुणवत्तापूर्ण उपचार सुविधा प्रदान करेंगे। यह वाहन कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिल्टी के तहत अपोलो अस्पताल और एचडीएफसी बैंक द्वारा प्रदान किए गए हैं। इस अवसर पर एनएचएम की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा, एनएचएम के उप-मिशन निदेशक डॉ. गोपाल बैरी सहित मौजूद रहे।
अब पर्ची के पैसे लेने पर चर्चा में सरकार : त्रिलोक
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार जनविरोधी निर्णय ले रही है। एक के बाद एक पूरे प्रदेश में केवल मात्र ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे जनता परेशान हो रही है। बसों में किराया न्यूनतम 10 रुपये और मंत्री कह रहे हैं कि 5 रुपये के खुले नहीं होते, इसलिए किराया 10 रुपये किया जा रहा है। यह किस प्रकार का मजाक है। कपूर ने कहा कि अब स्वास्थ्य सेवाओं पर भी वर्तमान कांग्रेस सरकार की दृष्टि पड़ गई है, जहां वे इलाज के लिए पर्ची बनाने के लिए भी पैसे लेने की बात कर रहे हैं और विभाग के मंत्री ऐसे-ऐसे तर्क दे रहे हैं, जिससे पर्ची के लिए पैसे लेना गलत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि स्वास्थ्य मंत्री बुजुर्ग हो गए हैं और उनको सेवानिवृत्ति ले लेनी चाहिए। वह जनता का दर्द समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय के बाहर दिव्यांग धरने पर बैठे हैं। कभी उन्हें प्रशासन की ओर से धक्के दिए जाते हैं, पुलिस कर्मियों की ओर से डंडे मारे जाते हैं।