शिक्षक भर्ती केस में ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, सीबीआई जांच रद्द

शिक्षक भर्ती मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा कि पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के अन्य पहलुओं के संबंध में सीबीआई जांच जारी रहेगी.

कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से सुपरन्यूमेरी पोस्ट बनाने के फैसले की CBI जांच के हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया. दरअसल बंगाल सरकार ने दागी उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक पदों का सृजन किया था. कलकत्ता कोर्ट ने 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के साथ-साथ इन पोस्ट के सृजन के ममता सरकार के फैसले की भी सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

आज सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त पदों (suppernumerary posts) बनाने के फैसले की CBI जांच के HC के आदेश को खारिज कर दिया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आज का आदेश अतिरिक्त पदों के सृजन की जांच करने के मामले तक सीमित है और किसी भी तरह से इस पूरे घोटाले के अन्य पहलुओं में जो सीबीआई जांच कर रही है या चार्जशीट दाखिल कर रही है , उस पर इसका कोई असर नहीं होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने करार दिया था अमान्य

इससे पहले शीर्ष अदालत ने 3 अप्रैल को बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था. कोर्ट ने पूरी चयन प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण और दागदार बताया था. इन कर्मचारियों का चयन 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग के एक भर्ती अभियान के माध्यम से चुना गया था.

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह अंतिम सांस तक उनके लिए लड़ती रहेंगी, चाहे जेल जाना पड़े. ममता बनर्जी ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद स्कूलों की नौकरी गंवाने वाले लोगों के साथ बैठक की. उन्होंने एक भावनात्मक संदेश में कहा, अगर मुझे जेल भी जाना पड़ा तब भी मैं यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ती रहूंगी कि किसी पात्र उम्मीदवार को नौकरी से वंचित नहीं रखा जाए. जब तक मैं जीवित रहूंगी….यह मेरा वादा है.

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