नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में अब पारंपरिक पीले-हरे CNG ऑटो रिक्शा जल्द ही बीते दिनों की बात बन सकते हैं। प्रदूषण को कम करने की दिशा में कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार इनकी जगह इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा लाने की योजना बना रही है। आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में लगभग 40% प्रदूषण वाहनों से होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ईवी पॉलिसी 2.0 का मसौदा तैयार किया है, जिसमें CNG ऑटो को धीरे-धीरे हटाने की सिफारिश की गई है।
ईवी पॉलिसी 2.0 की मुख्य बातें:
- 15 अगस्त 2025 से CNG ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन और परमिट रिन्यू नहीं होगा।
- 2026 से पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाले टू-व्हीलर वाहन भी प्रतिबंधित हो सकते हैं।
- माल ढुलाई में प्रयोग होने वाले थ्री-व्हीलर भी चरणबद्ध रूप से इलेक्ट्रिक में बदलने होंगे।
- सार्वजनिक परिवहन की बसें, जिन्हें DTC और DIMTS ऑपरेट करती हैं, उन्हें ई-बसों में बदला जाएगा।
- जिन लोगों के पास पहले से दो कारें हैं, वे भविष्य में केवल इलेक्ट्रिक कार ही खरीद पाएंगे।
इसके साथ ही, जिन CNG ऑटो की उम्र 10 साल से ज्यादा हो गई है, उन्हें भी इलेक्ट्रिक वर्जन से बदलना अनिवार्य होगा। यहां तक कि कचरा ढोने वाले वाहन भी इस नीति के दायरे में लाए जाएंगे।
दिल्ली सरकार की इस पहल का मकसद है—शहर को ज्यादा साफ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाना। यदि ये ड्राफ्ट नीति लागू होती है, तो राजधानी की सड़कों का नज़ारा जल्द ही बदल सकता है।