मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखा गया। निफ्टी इंडेक्स 374 अंकों की बढ़त के साथ 22,536 के स्तर पर बंद हुआ। इस तेज़ी के माहौल में सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) के शेयरों में भी मज़बूत वृद्धि दर्ज की गई और इनमें 4% तक की बढ़ोतरी देखी गई।
सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में ₹50 की बढ़ोतरी की स्वीकृति के बाद, ऑयल कंपनियों के शेयरों में खरीदारी बढ़ गई। इस निर्णय से कंपनियों के मार्जिन में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
ब्रोकरेज फर्मों ने बेहतर फ्यूल मार्जिन, कम होती अंडर-रिकवरी और सकारात्मक मार्जिन आउटलुक को देखते हुए OMC सेक्टर को लेकर आशावादी रुख दिखाया। बीएसई पर HPCL के शेयरों में 4% तक उछाल देखा गया और यह ₹367.50 के उच्च स्तर पर पहुंचा। इसके अलावा BPCL के शेयर 2.7% बढ़कर ₹281.80 और IOC के शेयर 2% की बढ़त के साथ ₹131 तक पहुंच गए।
ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और सरकार की राजस्व बढ़ाने की रणनीति का असर इन शेयरों पर स्पष्ट रूप से देखा गया। पिछले साल LPG की सब्सिडी देने के चलते IOC, BPCL और HPCL को कुल ₹41,338 करोड़ का नुकसान हुआ था। सरकार के नए फैसले से इस घाटे की कुछ हद तक भरपाई की उम्मीद है।
हालांकि उत्पाद शुल्क की यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर पंप पर कीमतों को प्रभावित नहीं करेगी, लेकिन इससे तेल कंपनियों को अन्य उत्पादों की कीमतों को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने का अवसर मिलेगा।
इसके साथ ही, मंगलवार से एलपीजी सिलेंडर की कीमत में ₹50 की बढ़ोतरी लागू हो गई है। दिल्ली में अब उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए 14.2 किलो गैस सिलेंडर की कीमत ₹553 और अन्य उपभोक्ताओं के लिए ₹853 हो गई है।
तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया कि उत्पाद शुल्क की वृद्धि का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा और यह पैसा सरकारी खजाने में जाएगा, जिससे OMCs को उनके LPG घाटे की भरपाई की जाएगी। हालांकि इस भरपाई की टाइमलाइन को लेकर स्पष्टता नहीं दी गई है।
भले ही नई कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप नहीं हैं, फिर भी सरकार का यह कदम कंपनियों को आर्थिक रूप से संतुलित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।