शेयर बाजार में गिरावट, ग्लोबल दबाव और टैरिफ वॉर ने बढ़ाई चिंता

बुधवार, 9 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी के साथ शुरुआत हुई, जिसका मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर बन रहा नकारात्मक माहौल और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लागू करने की समयसीमा करीब आने से निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है। इसके असर से आईटी शेयरों पर विशेष दबाव देखने को मिला।

सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

बीएसई सेंसेक्स ने 100 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ 74,103.83 पर कारोबार की शुरुआत की। सुबह 9:25 बजे तक यह और गिरकर 73,958.74 तक पहुंच गया। निफ्टी-50 ने भी 22,460.30 पर ओपनिंग की और बाद में 107.70 अंक टूटकर 22,428.15 पर ट्रेड करता देखा गया।

आरबीआई ने घटाई ब्याज दर

भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में 0.25% की कटौती करते हुए रेपो रेट को घटाकर 6.0% कर दिया है। इससे लोन ईएमआई में राहत मिलने की संभावना है। इससे पहले फरवरी में भी रेपो रेट में इतनी ही कमी की गई थी।

अमेरिका ने चीन पर लगाया भारी टैरिफ

अमेरिका ने चीन के सामान पर 104% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 8 अप्रैल से लागू हो गया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि कुछ देश अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार कर रहे हैं, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

8 अप्रैल को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार से 4,994.24 करोड़ रुपये के शेयर निकाले। हालांकि, घरेलू निवेशकों ने 3,097.24 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और बाजार को कुछ सहारा दिया।

मंगलवार को बाजार में दिखी थी तेजी

मंगलवार को प्रमुख कंपनियों जैसे इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, और रिलायंस के शेयरों में तेजी के चलते बाजार में रिकवरी देखी गई थी। सेंसेक्स 1089 अंकों की छलांग लगाकर 74,227.08 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी ने 374 अंकों की मजबूती के साथ 22,535.85 पर क्लोजिंग दी।

वैश्विक संकेत नकारात्मक

अमेरिकी और एशियाई बाजारों में कमजोरी देखी गई। डाउ जोन्स, नैस्डैक और एसएंडपी 500 में गिरावट आई, जबकि जापान का निक्केई, कोरिया का कोस्पी और ऑस्ट्रेलिया का ASX भी लाल निशान में बंद हुए।

टेक्निकल व्यू: निफ्टी के लिए 22,320 अहम स्तर

विशेषज्ञों का मानना है कि 22,320 का स्तर निफ्टी के लिए मजबूत सपोर्ट बन सकता है, जबकि 22,800 को पार करना बाजार के लिए एक पॉजिटिव सिग्नल हो सकता है। ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे इन प्रमुख स्तरों पर निगरानी बनाए रखें।

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