अगर इंसान के अंदर प्रतिभा और दृढ़ संकल्प हो तो वो कुछ भी कर सकता है. आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मॉडलिंग की दुनिया में चले जाने के बाद लड़के-लड़कियां पढ़ाई नहीं कर पातीं, जबकि ऐसा नहीं है. कशिश मेथवानी ने इसी बात का एक आदर्श उदाहरण पेश किया है कि मॉडल्स भी चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं. दरअसल, मॉडलिंग की दुनिया में नाम कमा चुकीं कशिश ने अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का उदाहरण पेश करते हुए संयुक्त रक्षा सेवा यानी सीडीएस (CDS) परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल कर सबको चौंका दिया है.
कशिश ने अपनी सफलता से ये साबित कर दिया है कि ग्लैमर की दुनिया के लोग भी सशस्त्र बलों में चमक सकते हैं. कशिश ने छोटी सी उम्र में ही कई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने पहले मिस इंटरनेशनल इंडिया का खिताब जीता था और साथ ही साथ वह एक एनसीसी कैडेट भी थीं. साल 2021 में उन्हें पीएम मोदी ने एयरफोर्स विंग के लिए सर्वश्रेष्ठ अखिल भारतीय कैडेट पुरस्कार से सम्मानित किया था. ये सम्मान उनके लिए सबसे गर्व का पल था, जो उनके समर्पण और अनुशासन को दर्शाता है.
हार्वर्ड का PhD ऑफर ठुकराया
कशिश पढ़ाई में भी शुरुआत से ही अच्छी रही हैं. उन्होंने एकेडमिक रूप से भी शानदार प्रदर्शन किया है. बैंगलोर स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) से उन्होंने न्यूरोसाइंस में अपनी एमएससी थीसिस पूरी की है. उनका रिसर्च गामा मस्तिष्क तरंगों पर केंद्रित था. इसी रिसर्च की वजह से उन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय से भी पीएचडी के लिए ऑफर आया था. हालांकि विदेश में रिसर्च की दुनिया में न जाते हुए उन्होंने देश की सेवा करने के लिए भारतीय सेना में जाने का फैसला किया. अब कशिश सेना में अधिकारी बनने के लिए चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में प्रशिक्षण ले रही हैं.
मल्टी टैलेंटेड हैं कशिश
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कशिश नेशनल लेवल की पिस्टल शूटर भी हैं. इसके अलावा वह बास्केटबॉल खेलती हैं, तबला बजाती हैं और यहां तक कि भरतनाट्यम नृत्य में भी पारंगत हैं. वह अधिकारी के तौर पर अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और एनसीसी को देती हैं, जहां उन्होंने अनुशासन और नेतृत्व क्षमता के बारे में सीखा. कशिश की कहानी देशभर के युवाओं और खासकर लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्रोत है, जो ये साबित करती है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है.