लिवर को शरीर का मैनेजर कहा जाता है. इसलिए इसका विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. लिवर को लेकर सबसे आम बीमारी है लिवर का फैटी होना. आमतौर पर शुरुआती दौर में इसके लक्षण सामने नहीं आते. यदि आते भी हैं तो हम उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना ही लिवर के फैटी होने का प्रमुख कारण बन जाता है. जिसके बाद शरीर के हिस्सों में बीमारियां उभरने लगती हैंऔर उपचार पर लाखों रुपए बर्बाद होते हैं. इसलिए जरूरत है कि लिवर फैटी होने के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर तुरंत ही उपचार शुरु देना चाहिए.
लिवर फैटी होने के कई कारण होते हैं. शराब, मांस का अत्यधिक सेवन. घर से ज्यादा बाहर का खाना. तला भुना खाना और खराब दिनचर्या. यह कुछ प्रमुख कारण हैं, जिनके कारण लिवर पर फैट जमा होने लगता है. शुरुआत में लिवर इस फैट को जमने से रोकने का प्रयास करता है, लेकिन जब बात लिवर के प्रयासों से नहीं बनती तो वह कुछ लक्षण देता है. जिन्हें समझना जरूरी है, जिससे समस्या को गंभीर होने से रोका जा सके.
क्या हैं फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण
आरएमएल अस्पताल में मेडिसिन विभाग में डॉ सुभाष गिरि बताते हैं किलिवर पर फैट जमना शुरु होता है और लिवर उसे जमने से नहीं रोक पाता तो लिवर कुछ संकेतों के जरिए इसे उजागर करता है. सबसे पहला लक्षण जो उभरता है वह होता भूख कम लगना या भूख का अहसास ही न होना. इसके अलावा पेट में हमेशा गैस महसूस होना, पेट फूला हुआ महसूस होना. पेट में हल्का दर्द बने रहना, पेट ठीक से साफ न होना. यह लिवर पर फैट जमने के कुछ शुरुआती लक्षण हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
बढ़ सकती है समस्या
इसके अलावा लिवर कुछ और भी संकेत देता है. इनमें थोड़ा सा काम करने के बाद ही थकान महसूस होना भी शामिल है. इसके अलावा कमजोरी महसूस होना. अक्सर जी मिचलाना और उबकाई आना भी लिवर पर फैट जमा होने के शुरुआती लक्षण है.
डॉक्टर से संपर्क करें
यदि आपको उपर बताए गए लक्षण कुछ दिनों या सप्ताह से महसूस हो रहे हैं तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर की सलाह के अनुसार शुरुआत में अपने खानपान और दिनचर्या में बदलाव करके आप लिवर की गंभीर बीमारी से खुद को बचा सकते हैं.