तहव्वुर राणा को भारत लाया जा चुका है. अब उसके बेड़ियों में जकड़े जाने की तस्वीर सामने आई है. दरअसल, ये तस्वीर उस वक्त की है जब अमेरिकी मार्शल राणा को NIA को सौंप रहे थे. NIA के राणा को UAPA के तहत गिरफ्तार किया है. तहव्वुर राणा 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है. इस पर आरोप है कि इसी ने मुंबई आतंकी हमले की साजिश रची थी. तहव्वुर डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी है.
भारत लाने के बाद उसे देर रात पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. बंद कमरे में सुनवाई हुई. रात करीब 2 बजे कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिन की रिमांड पर भेज दिया. कोर्ट में एनआईए ने 20 दिनों की हिरासत मांगी थी लेकिन कोर्ट ने 18 दिनों की हिरासत दी है. अब तहव्वुर से 17 साल पुराने मामले में आज से पूछताछ शुरू होगी. मुंबई हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
अगले 18 दिन NIA मुख्यालय में ही होगी पूछताछ
NIA की टीम अगले 18 दिनों तक तहव्वुर राणा से पूछताछ करेगी मुंबई आतंकी हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगा सके. NIA ने तहव्वुर राणा को UAPA के तहत किया गिरफ्तार है. NIA ने 11 नवंबर 2009 को केस दर्ज किया था. तहव्वुर राणा को कैदी की ड्रेस में अमेरिका से भारत लाया गया. गुरुवार देर शाम पालम एयरपोर्ट पर राणा का प्लेन लैंड किया. प्लेन से बाहर आने के बाद NIA ने उसे गिरफ्तार किया. पालम एयरपोर्ट के अंदर ही तहव्वुर राणा की मेडिकल जांच कराई गई. अरेस्ट मेमो पर भी हस्ताक्षर कराए गए.
पीयूष सचदेवा लड़ेंगे तहव्वुर राणा की पैरवी की
पटियाला हाउस कोर्ट में पीयूष सचदेवा ने तहव्वुर राणा की पैरवी की. दिल्ली लीगल सेल ने तहव्वुर राणा को वकील उपलब्ध कराया. कोर्ट के फैसले के बाद पीयूष सचदेवा ने कहा कि अदालत ने 18 दिनों की दी हिरासत. NIA को और समय चाहिए तो आवेदन करे. दरअसल, तहव्वुर राणा को फांसी देने की मांग की जा रही है. उसे फांसी से बचाने के लिए वकील पीयूष सचदेवा उसका केस लड़ेंगे.
क्या है तहव्वुर राणा का पूरा केस?
तहव्वुर राणा को 2009 में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था, जहां उन पर डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश और लश्कर को समर्थन देने के आरोप में मुकदमा चला. 2011 में उन्हें डेनमार्क मामले में दोषी ठहराया गया और 14 साल की सजा मिली, लेकिन मुंबई हमलों के आरोपों से अमेरिकी अदालत ने बरी कर दिया. भारत ने 2019 से उनके प्रत्यर्पण की मांग शुरू की और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उसे अमेरिका से भारत लाया गया. तहव्वुर पर आरोप है कि उन्होंने अपने दोस्त डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई हमलों की साजिश में मदद की थी.