जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर सेना ने सख्त रुख अपनाया है। किश्तवाड़ में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रिगेडियर जेबीएस राठी, असम राइफल्स के कमांडर और डीआईजी श्रीधर पाटिल ने स्पष्ट किया कि आतंक के सफाए तक अभियान रुकेगा नहीं। उन्होंने कहा कि संख्या मायने नहीं रखती, उद्देश्य हर आतंकी का खात्मा है।
बताया गया कि 9 अप्रैल को शुरू किए गए ऑपरेशन के तहत अब तक तीन आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। ये ऑपरेशन सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त प्रयास था।
जैश कमांडर सैफुल्लाह भी ढेर
किश्तवाड़ में मारे गए तीन आतंकियों में एक की पहचान जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सैफुल्लाह के रूप में हुई है, जो पिछले एक साल से चेनाब घाटी में सक्रिय था। उसके पास से M4 और AK सीरीज की राइफलें और गोला-बारूद बरामद किया गया।
NH-44 पर बढ़ाई गई सुरक्षा
सेना ने आतंकी तस्करी और गतिविधियों को रोकने के लिए नेशनल हाईवे 44 पर गश्त तेज कर दी है। यह हाईवे केंद्र शासित प्रदेश के प्रमुख हिस्सों को जोड़ता है और आतंकियों की आवाजाही के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। हर चेक पोस्ट पर सघन तलाशी ली जा रही है।
अखनूर सेक्टर में जवान शहीद
इधर, नियंत्रण रेखा पर तैनात जेसीओ कुलदीप चंद अखनूर सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए शहीद हो गए। सेना ने इस क्षेत्र में लगातार तलाशी अभियान तेज कर दिया है और बॉर्डर सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है।