इतिहास को इतिहास ही रहने दें, पार्टी नेताओं को अखिलेश की नसीहत

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज आजमगढ़ पहुंचे थे. जहां उन्होंने कई हालिया मुद्दों पर खुलकर बयान दिए. उन्होंने हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेता रामजीलाल सुमन के राणा सांगा के लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे इतिहास से जुड़े सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए जो समाज में खाई पैदा करें. अभी सुनने में आ रहा है कि इतिहास के पन्ने लोग पलट रहे हैं. अखिलेश यादव के इस बयान को एक तरह से पार्टी नेताओं की नसीहत भी माना जा रहा है.

अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ताओं से भी अपील की कि वे ऐसे किसी भी मुद्दे को न उठाएं जो जनता के बीच आपसी वैमनस्य फैलाने का काम करे. उन्होंने कहा कि जो इतिहास समाज में दरार डाले, उसे इतिहास ही रहने दिया जाना चाहिए. अगर इतिहास की बातें हमें सकारात्मक दिशा न दे सके तो हमें इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए और उस पर चर्चा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा यूपी के पूर्व सीएम ने करणी सेना भी पर निशाना साधा.

करणी सेना की तुलना हिटलर से की

सपा प्रमुख ने करणी सेना पर तीखा हमला करते हुए उनकी तुलना सीधे हिटलर से कर दी. उन्होंने कहा कि जो संगठन तानाशाही की राह पर चलते हैं, उन्हें जनता जल्द ही नकार देती है. दरअसल, करणी ने राणा सांगा की जयंती पर आगरा में बड़ा कार्यक्रम रखा था और रैली भी निकाली थी. इस दौरान करणी सेना के नेताओं ने सपा सांसद से अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग करते हुए हाईवे और एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया था.

युवक की हिरासत में मौत पर उठाए सवाल

वहां, आजमगढ़ थाने के भीतर हुए एक कस्टोडियल डेथ को लेकर अखिलेश यादव ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हमने उस परिवार की मदद की, लेकिन क्या उन्हें इंसाफ मिला? पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर अखिलेश यादव ने सख्त प्रतिक्रिया दी और कहा कि देश का आम जनमानस इस प्रकार की घटनाओं में कभी शामिल नहीं हो सकता. हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री की भाषा पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि टोटी जैसे सवालों से ज्यादा अहम यह है कि भाषा कैसी है. क्या वह सभ्य है?

दिल्ली की सीएम ने बताया था टोटी चोर

दरअसल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक न्यूज चैनल पर अपनी बात रखते हुए अखिलेश यादव को टोटी चोर बताया था. सीएम के इस बयान के बाद से दिल्ली से लेकर यूपी की राजनीति गरम हो गई थी. समाजवादी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली सीएम से अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग की थी.

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