चंबा जिले की पांगी घाटी के दूरदराज और सुरम्य किलाड़ क्षेत्र में ऐतिहासिक रूप से पहली बार राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह आयोजित किया गया। 78वें हिमाचल दिवस समारोह को देखने और इसमें भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग हेलीपैड ग्राउंड पर एकत्र हुए। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर राज्य के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने क्षेत्र को राज्य का दर्जा दिलाने में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार के अपार योगदान को नमन किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और औपचारिक सलामी ली।
आईपीएस अधिकारी रवि नंदन के नेतृत्व में छह टुकड़ियों की परेड आयोजित की गई। द्वितीय भारतीय रिजर्व बटालियन, सकोह की टुकड़ी का नेतृत्व एएसआई सत्यनाथ वालिया ने किया, महिला टुकड़ी का नेतृत्व एएसआई पूजा सूद ने किया, हिमाचल गृह रक्षक टुकड़ी का नेतृत्व खुशी राम ने किया, चंबा जिला यातायात पुलिस टुकड़ी का नेतृत्व एएसआई रविन्द्र कुमार ने किया, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किलाड़ की एनसीसी टुकड़ी का नेतृत्व तनिका ने किया तथा गृह रक्षक बैंड का नेतृत्व हवलदार रेत राम ने किया।
पांगी की महिलाओं को 1500-1500 रुपए देने की घोषणा
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ के तहत 1,926 महिलाओं को अप्रैल, मई और जून महीनों की तीन किश्तों के रूप में 4,500 रुपये प्रति लाभार्थी जारी किए। इस योजना के अंतर्गत कुल 86.67 लाख रुपये की राशि वितरित की गई। मुख्यमंत्री ने पांगी घाटी की सभी शेष पात्र महिलाओं को आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने पर योजना का लाभ प्रदान करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 जनवरी, 2025 से 31 मार्च, 2026 के बीच 21 वर्ष की आयु पूरी करने वाली महिलाओं के अलावा घरेलू सहायिकाओं को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।
‘उदयपुर-किलाड़ सड़क सुधारीकरण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता’
किलाड़ में राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उदयपुर-किलाड़ सड़क सुधारीकरण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा इस मामले को केन्द्र सरकार के समक्ष जोरदार तरीके से उठाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप निविदा प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है। उन्होंने लाहौल-स्पीति तथा चंबा जिला प्रशासन को सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने तथा सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पांगी उपमण्डल को हिमाचल का पहला प्राकृतिक कृषि उपमण्डल बनाने तथा इस उद्देश्य के लिए 5 करोड़ रुपये की रिवाल्विंग फण्ड देने की घोषणा की। उन्होंने 2014-15 के लिए 1.5 करोड़ रुपये की घोषणा भी की।
पांगी क्षेत्र में 10 हजार क्षमता वाला दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा
उन्होंने प्राकृतिक रूप से उगाए जाने वाले जौ को 60 प्रति किलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और पांगी क्षेत्र में 10 हजार क्षमता वाला दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की। घाटी में बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 62 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि टिंडी से शौर तक 11 केवी लाइन बिछाने पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं तथा थिरोट से किलाड़ तक 33 केवी लाइन बिछाने के लिए 45.50 करोड़ रुपये की घोषणा की। क्षेत्र की विशिष्ट चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने महिला मंडल भवनों के निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया तथा घोषणा की कि साच को उप-तहसील का दर्जा दिया जाएगा।
होम स्टे के लिए पंजीकरण शुल्क में 50 प्रतिशत छूट की घोषणा
परिवहन सेवाओं में सुधार के लिए उन्होंने घाटी के लिए 20 नए बस परमिट, बस खरीद पर 40 प्रतिशत सब्सिडी तथा रोड टैक्स से चार महीने की छूट की घोषणा की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने पांगी घाटी में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने तथा किलाड़ में नागरिक अस्पताल को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने होम स्टे के लिए पंजीकरण शुल्क में 50 प्रतिशत छूट की घोषणा की तथा घाटी में सम्पर्क सड़कों के सुधार के लिए 1.5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की।
‘1984 में इंदिरा गांधी पांगी आने वाली देश की पहली प्रधानमंत्री’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पांगी घाटी से गहरा नाता रहा है और वह वर्ष 1984 में पांगी आने वाली देश की पहली प्रधानमंत्री थीं, जिसके बाद क्षेत्र के विकास को गति मिली। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की जनजातीय क्षेत्रों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नीतियों और कानूनों में बदलाव लाकर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है, जिसके परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
सरकार ने अपनी दस गारंटियों में से छह को पूरा किया है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्य सरकार दूध के साथ-साथ प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं, मक्का और हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है। राज्य में प्राकृतिक खेती करने वाले कुल 1.58 लाख किसानों को प्रमाणित किया गया है। सुक्खू ने कहा कि कृषि ब्याज अनुदान योजना के तहत इस वर्ष बैंकों के माध्यम से एकमुश्त निपटान नीति शुरू की जाएगी, जिससे उन किसानों को लाभ मिलेगा जिनकी भूमि नीलामी के कगार पर है।
उन्होंने कहा कि दूध के लिए एमएसपी बढ़ा दी गई है और सरकार अब गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर खरीद रही है। उन्होंने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और अक्षय ऊर्जा का दोहन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जनजातीय क्षेत्रों में निवासियों को 250 किलोवाट से एक मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा। मैं पांगी घाटी के लोगों से इस पहल का लाभ उठाने का आग्रह करता हूं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण को रोजगार सृजन से जोड़ रही है। राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे महिलाएं और युवा वनों की रक्षा करते हुए आजीविका कमा सकेंगे। इस योजना के तहत प्रत्येक समूह को पांच साल की अवधि में 6.40 लाख रुपये मिलेंगे। पर्यटन क्षेत्र में उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए हिमाचल प्रदेश को इंडिया टुडे समूह द्वारा दो श्रेणियों में सम्मानित किया गया है। बीड़ बिलिंग को ‘एडिटर च्वाइस-बेस्ट एडवेंचर डेस्टिनेशन’ और धर्मशाला को ‘बेस्ट माउंटेन डेस्टिनेशन’ का खिताब दिया गया।
इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश ने तीन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार जीते हैं। जल-पर्याप्त पंचायतों की थीम के तहत, हमीरपुर जिले के बमसन ब्लॉक की सिकंदर पंचायत को दूसरा पुरस्कार दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि पहली बार राज्य सरकार ने रजवा लोक अदालतों का आयोजन किया है, जिसमें 2.75 लाख म्यूटेशन मामले, 16,000 से अधिक बंटवारे के मामले, 27,000 से अधिक सीमांकन के मामले और 7,000 से अधिक सुधार के मामले सुलझाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। इसके लिए 1570 करोड़ रुपये की अनुमानित पूंजी व्यय की जाएगी। यह व्यय राज्य के लोगों को लाभान्वित करने के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और मशीनरी की खरीद पर किया जाएगा। आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज में आधुनिक पीईटी स्कैन और एमआरआई मशीनें लगाने की प्रक्रिया चल रही है, जो शीघ्र ही शुरू हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग का पुनर्गठन किया है और स्कूल शिक्षा निदेशालय प्री-नर्सरी से कक्षा 12 तक की शिक्षा की देखभाल करेगा। वहीं, उच्च शिक्षा निदेशालय अब कॉलेजों का प्रबंधन करेगा और उच्च शिक्षा के सभी पहलुओं पर ध्यान देगा। यह पुनर्गठन सरकार के चल रहे सुधारों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली के प्रशासन और दक्षता में सुधार करना है। सुक्खू ने कहा कि पुलिस विभाग ने राज्य में नशे के नेटवर्क को खत्म करने के लिए मिशन मोड में बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को मजबूत किया जाएगा और इसके अतिरिक्त नशे की समस्या से निपटने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन भी किया जाएगा, जिसका नेतृत्व एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करेंगे।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, विधायक सुंदर ठाकुर व नीरज नैयर, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कैप्रेट, एपीएमसी चंबा के अध्यक्ष ललित ठाकुर, कांग्रेस नेता यशवंत खन्ना, सुरजीत भरमौरी सहित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, सचिव सामान्य प्रशासन राजेश शर्मा, डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा, उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, एसपी अभिषेक यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।