उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दयालपुर इलाके में शुक्रवार देर रात एक चार मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह भर-भराकर जमींदोज हो गई। अचानक तेज धमाका हुआ तो पड़ोसी नींद से जागे। बाहर निकलकर देखा तो गली में धुंए का गुबार था। इस बीच मौके से चीखने-पुकारने की आवाज आने लगीं। कुछ ही देर में लोगों को इमारत गिरने का अहसास हो गया।
स्थानीय लोग मदद को भागे। बाद में कंट्रोल रूम को कॉल की गई। लोगों ने एक-एक कर घायलों को मलबे से निकालना शुरू कर दिया। इस बीच सूचना मिलने के बाद पुलिस व दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। हादसे के समय इमारत में 22-25 लोग मौजूद थे। घटना को देखते हुए डीडीएमए (दिल्ली आबदा प्रबंधन), एनडीआरएफ, एमसीडी व बाकी बचाव दलों को मौके पर बुला लिया गया।
एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत
सुबह होते-होते मलबे से करीब 15 लोगों को निकाल लिया गया, जिनमें चार लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। बाकी दिन भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद धीरे-धीरे और लोगों को मलबे से निकालने का सिलसिला जारी रहा। दोपहर तक मृतकों की संख्या 11 तक पहुंच गई। इसमें एक ही परिवार के आठ लोग शामिल हैं। इसके अलावा 11 लोगों का जीटीबी अस्पताल में इलाज जारी है।
15 साल पहले लापरवाही से इमारत का निर्माण किया गया
शुरुआती जांच के बाद पता चला है कि करीब 15 साल पहले लापरवाही से इमारत का निर्माण किया गया था। पिछले कुछ दिनों से ग्राउंड फ्लोर पर बनी दो दुकानों में काम चल रहा था। दो दुकानों के पार्टिशन को हटाकर एक ही दुकान में तब्दील किया जा रहा था। इसके अलावा गली में मौजूद नाली का पानी भी इमारत की बुनियाद में रिस रहा था। आशंका व्यक्त की जा रही है इसकी वजह से इमारत गिरी।

सीएम रेखा गुप्ता ने दिए जांच के आदेश
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गहरा दुख जताते हुए हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। दोपहर को स्थानीय भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट व दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा घटना स्थल पहुंचे और राहत बचाव कार्य का जायजा लिया। उन्होंने आदेश दिया है कि एरिया में ऐसी और खतरनाक इमारतों को तुरंत खाली करवाया जाए।

60 गज के प्लॉट में बनी थी बिल्डिंग
जिला पुलिस उपायुक्त आशीष मिश्रा ने बताया कि रात करीब 2.50 बजे कंट्रोल रूम को डी-26, गली नंबर-1, शक्ति विहार, दयालपुर में चार मंजिला इमारत गिरने की सूचना मिली थी। बचाव दल मौके पर पहुंचा। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि करीब 60 गज के प्लॉट पर ग्राउंड फ्लोर के अलावा ऊपर तीन मंजिलें और बनी थीं।

मलबे से 22 लोगों को निकाला जा चुका
इमारत में मकान मालिक हाजी तहसीन उर्फ यासीन के तीन बेटों के परिवार के अलावा तीसरी मंजिल पर दो किरायेदार के परिवार रहते थे। एक बेटे के परिवार को छोड़कर बाकी सभी अपनी-अपनी फ्लोर पर मौजूद थे। ग्राउंड फ्लोर पर दुकानों में काम चल रहा था। इस वजह से वहां कुछ मजदूर सो भी रहे थे। अब तक मलबे से 22 लोगों को निकाला जा चुका है, जिसमें 11 की मौत हो चुकी है।
घायलों का जीटीबी अस्पताल में इलाज जारी
मृतकों में मकान मालिक तहसीन, उसके बेटे नाजिम, नाजिम की पत्नी शाहिना, बेटा अनस, अफ्फान, बेटी आफरीन, तहसीन के बेटे चांद की पत्नी चांदनी और तहसीन के ससुर इशहाक के अलावा किराएदार शाहिद के दो बेटे दानिश और नावेद व दूसरे किरायेदार नबी मोहम्मद की पत्नी रेशमा शामिल हैं। घायलों का जीटीबी अस्पताल में इलाज जारी है।

चार जेसीबी और एक क्रेन से हटाया जा रहा मलबा
मौके पर एमसीडी की चार जेसीबी, एक क्रेन मलबा हटाने में जुटे हैं। डीडीएमए और एनडीआरएफ की टीमें अपने उपकरणों के साथ मलबे में जिंदगियों को खोजने में जुटे रहे। शनिवार दोपहर तक करीब 50 फीसदी मलबे हटा लिया गया था। मौके पर एक दर्जन से अधिक कैट्स की एंबुलेंस के अलावा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
‘मुस्तफाबाद में इमारत गिरने की दर्दनाक घटना से मन अत्यंत व्यथित है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।’ -रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री, दिल्ली