झारखंड: ‘संविधान को पैरों तले रौंद रहे राज्य के मंत्री’- मधु कोड़ा

चाईबासा। झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के शरीयत को संविधान से ऊपर बताने वाले कथित बयान के खिलाफ भाजपा ने शनिवार को चाईबासा शहर में विरोध मार्च निकाला और उनके इस्तीफे की मांग की।

यह विरोध मार्च भाजपा जिला अध्यक्ष संजय पांडेय के नेतृत्व में किया गया। सदर अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि जो मंत्री शपथ लेकर संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं, वे अब उसे पैरों तले रौंद रहे हैं। यह सीधा राष्ट्रद्रोह है।

हेमंत सोरेन सरकार या तो संविधान के साथ खड़ी हो या इन कट्टरपंथियों का खुला समर्थन स्वीकार करे। दोहरा चरित्र अब नहीं चलेगा।

पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने भी दी चेतावनी

वहीं, पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने सरकार को चेताते हुए कहा कि झारखंड और बंगाल में बहुसंख्यक समाज को योजनाबद्ध तरीके से अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है। रामनवमी, होली जैसे त्योहारों पर पत्थरबाजी और हमले तुष्टिकरण की देन हैं।

क्या बहुसंख्यकोंं के धार्मिक अधिकार अब सरकार की नजर में कोई मायने नहीं रखते? अगर सरकार को सत्ता प्यारी है, तो उसे हिंदुओं की आस्था का सम्मान करना सीखना होगा। वरना जन आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहे।

वरिष्ठ भाजपा नेता अनूप सुल्तानिया ने कहा कि समाज को बांटने की साजिश करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा सड़क से संसद तक इस मानसिकता का विरोध करेगी। चाईबासा सदर से भाजपा प्रत्याशी रही गीता बालमूचू ने कहा कि सरकार की चुप्पी ही उसकी सच्ची मंशा उजागर कर रही है।

अगर कार्रवाई नहीं हुई तो जनता खुद निर्णय लेगी। रामानुज शर्मा, जगदीश पाट पिंगुवा, मनोज लिंयागी, सतीश पुरी, हेमंत केसरी आदि ने भी जनता को संबोधित किया और मंत्री हफीजुल हसन को बर्खास्त करने की मांग दोहराई।

उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

प्रदर्शन के उपरांत राज्यपाल के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा, जिसमें मंत्री हफीजुल हसन की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की गई।

धरना देने वालों में रंजन प्रसाद, मुकेश सिंह, रवि शंकर विश्वकर्मा, पवन शर्मा, अनंत सयनम, रूपा दास, मृदुला निषाद, हेमंती विश्वकर्मा, प्रसन्न बिरुवा, गुणांन देवगम, पप्पू महतो, अनिल दास, अक्षय खत्री, दिलीप साव, जूली खत्री, सन्नी पासवान, अनु विश्वकर्मा, जितेंद्र ओझा, तरुण सवैंया, जगदीश निषाद, हर्ष रवानी, नीरज पांडे, अशोक तुम्बिल, डमरू धार बारिक, अशोक पीलवा आदि शामिल थे।

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