सहारनपुर चर्चा में है. वही सहारनपुर जो प्रसिद्ध है लकड़ियों पर नक्काशी के लिए. यहां इस कला के विकास के कारण इसे कुष्ठ नगरी के नाम से भी जाना जाता है. इस बार इसके चर्चा का कारण यहां के उघोग या कोई व्यक्ति नहीं हैं. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक फैक्ट्री में ग्राइंडर मशीन के अंदर तमंचे, चाकू और तलवार को डालकर गलाया जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोग दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो सहारनपुर का है.
दरअसल, घटना रविवार की है. सहारनपुर पुलिस ने ही फैक्ट्री में ले जाकर हथियारों को नष्ट कराया था. ये सभी हथियार अवैध थे और इनका उपयोग किसी भी तरह से गैर कानूनी था. इन हथियारों में करीब 1,300 से अधिक तमंचे और तकरीबन 2,400 कारतूस थे. इनके अलावा लगभग 3,000 चाकू-छूरी और तलवारें थीं. ये सारे हथियार बहुत पुराने हो गए थे. सभी पर जंग भी लगा चुकी थी, जिसके चलते इन्हें नष्ट कराया गया.
क्या है इन हथियारों का राज?
ये सारे हथियार सहारनपुर पुलिस द्वारा अलग-अलग कार्रवाई में साल 1987 से लेकर साल 2000 तक आर्म्स एक्ट के अंदर बरामद किए गए थे. इन हथियारों में करीब 1,300 से अधिक तमंचे और तकरीबन 2,400 कारतूस थे. इसके अलावा लगभग 3000 चाकू-छूरी और तलवारें थीं. ये सभी हाथियार सदर मालखाने में सील कर के रखे हुए थे. यहां यह कई सालों से माल खाने में रखे-रखे जंग खा रहे थे.
दरअसल, जब पुलिस किसी कार्रवाई में हथियारों को पकड़ती है तो उसे बरामद कर के मालखाने में रख देती है, क्योंकि जब यह मामला अदालत में चलता है तो अदालत में पुलिस को बरामद हथियार लेकर जाना होता है और दिखाना होता है कि फलां हथियार आरोपी से मिला था. इस कारण समय के साथ ये संख्या बढ़ती जाती है.
कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद
हथियारों को कोर्ट के आदेश के बाद नष्ट किया गया. इन हथियारों के नष्ट करने के लिए पुलिस के प्रशासनिक अधिकारियों और सिविल डिफेंस की एक टीम बनाई. टीम ने सदर मालखाने पहुंचकर सभी हथियारों को एक गाड़ी में लोड किया और लोहा गलाने वाली एक फैक्ट्री में ले जाया गया.
यहां पुलिस प्रशासनिक टीम और सिविल डिफेंस की टीम की देखरेख में सारे असले, कारतूसों को लोहा फैक्ट्री में गला दिया गया. कोर्ट के आदेशानुसार, इस पूरी कार्यवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई, जिसका कुछ हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल है.