पाकिस्तान में नहीं जाएगा एक बूंद पानी… शाह-पाटिल की बैठक के बाद फैसला

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तनाव के बीच जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल ने बड़ा बयान दिया है. सीआर पाटिल ने कहा कि सिंधु जल संधि को लेकर जो निर्णय किया गया है, उसका पालन किया जाएगा. तीन चरण में फैसला लागू होगा. तुरंत, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म. पाकिस्तान में एक बूंद भी पानी न जाए, यह व्यवस्था की जाएगी.

सिंधु जल संधि स्थगन के बाद पानी के प्रबंधन और उपयोग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर शुक्रवार को बैठक हुई थी. इस बैठक में विदेश मंत्री, जल शक्ति मंत्री और तीनो मंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी मौजूद थे.

सूत्रों का कहना है किपाकिस्तान जाने वाला पानी रोका जाएगा.पाकिस्तान पर जल्द ही इसका असर दिखेगा. पानी रोकने के बादबांधों की क्षमता बढ़ाई जाएगी. बांधों की क्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि ज्यादा पानी स्टोर हो सके. इसके लिए बांधों की गाद हटाई जाएगी.बांधों से फ्लशिंग भी की जाएगी.

वर्ल्ड बैंक को दी जाएगी फैसले की जानकारी

सूत्रों का कहना है कि वर्ल्ड बैंक ने यह संधि कराई थी. लिहाजा भारत सरकार के इस फैसले की जानकारी उन्हें भी दे दी जाएगी. इस फैसले पर तुरंत अमल शुरू हो जाएगा.

भारत ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने के अपने निर्णय के बारे में पाकिस्तान को पहले ही सूचित कर दिया है, और कहा है कि पाकिस्तान ने इसकी शर्तों का उल्लंघन किया है.

भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा एक पत्र लिखा था. पत्र में कहा था कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद तनाव

पत्र में लिखा है, “किसी संधि का सम्मान सद्भावनापूर्वक करना संधि का मूलभूत आधार है। हालांकि, इसके बजाय हमने देखा है कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर लगातार सीमा पार आतंकवाद जारी है।”

भारत ने दशकों पुरानी संधि को निलंबित करने का निर्णय मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, की हत्या के बाद लिया है. पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव है.

सुरक्षा की कैबिनेट समिति की बैठक में सिंधु जल समझौता स्थगित करने सहित कई कदम उठाने का फैसला भारत सरकार ने लिया है. अब उन फैसलों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.

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