मुरादाबाद। राज्य परिवहन निगम की बसों में महिला कंडक्टरों की भर्ती के लिए चल रही प्रक्रिया के तहत शुक्रवार दूसरे दिन 53 महिला आवेदकों ने आरएम कार्यालय पहुंच अपना आवेदन पत्र जमा किया। इसके लिए शैक्षिक गोग्यता इंटरमीडिएट निर्धारित की गई है, लेकिन बेरोजगारी के चलते कई उच्चशिक्षा प्राप्त महिलाएं भी कंडक्टर बनने के लिए यहां पहुंची।
सभी महिला अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर उन्हें परिचालक की नौकरी मिल जाती है तो एक हद तक आर्थिक समस्या दूर हो जाएगी। शहर के लाइनपार एकता कॉलोनी निवासी निशु सैनी ने भी कैंप में पहुंच कर आवेदन जमा किया। निशु ने बताया कि उनके पति बृजेश साइवर कैफे संचालक हैं।
एंड्राइड फोन के बढ़े प्रचलन ने साइबर कैफे की आमदनी घटा दी है। परिवार की जरूरते व महंगाईइ बढ़ रहीं हैं। अगर परिचालक की नौकरी मिल जाती है तो एक हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा। बिजनौर जिले की धामपुर तहसील के गांव मिरजालीपुर से आवेदन करने पहुंची जयहिंद्री के बीए, बीएड की डिग्री के साथ स्टेनोग्राफर का भी कोर्स किए हुए हैं।
कौशल विकास केंद्र से प्रशिक्षण भी प्राप्त कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि काफी पहले हाईकोर्ट में स्टेनोग्राफर के लिए जगह निकली थी। उसमें फार्म भरा था, लेकिन चयन नहीं हो सका था। सरकारी स्कूलों में भर्ती बंद है। प्राइवेट स्कूलों में शिक्षण के भी प्रयास किया, लेकिन वहां इतना कम धनराशि देने को कही जा रही है जो आने-जाने के किराये में ही खर्च हो जाएगी।
पति अनिल कुमार छोटी-मोटी ठेकेदारी कर लेते हैं। महंगाई के इस दौर में घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। महिला परिचालक पद पर भर्ती हो जाए तो परिवार की गाड़ी लाइन पर चलने लगेगी। बाद में अगर कहीं टीचर या स्टेनोग्राफर की नौैकरी निकली तो उसमें फार्म भर देंगे।
इसके अलावा बिलारी क्षेत्र से आई एक बीए, बीएड डिग्री धारक युवती और बीए के साथ इलेक्ट्रीशियन ट्रेड से आईटीआई करी युवती ने भी कंडक्टर बनने के लिए आवेदन किया है। दोनोें युवतियों ने बताया कि मौजूदा समय में सरकारी नौकरी मिलना काफी मुश्किल है। उसकी उम्मीद में खाली बैठे रहना ठीक नहीं है। लिहाजा वह चाहती हैं कि कंडक्टर बन जाएं। जब कभी और नौकरी निकली तो वहां भी ट्राई कर लेंगे।