जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के डूडा बसंतगढ़ इलाके में ऑपरेशन के दौरान शहीद हवलदार जे. अली शेख का अंतिम संस्कार शनिवार को किया गया. अंतिम संस्कार को उनके पैतृक गांव नदिया जिले में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया. इस दौरान पूरे गांव और आसपास के लोग उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे. उनके भाई का दिया भाषण सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. लोग भाई और शहीद की जमकर तारीफ कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल के निवासी झंटू अली शेख सेना के विशेष बल-6 पैरा एसएफ में हवलदार के पद पर थे. झंटू अली शेख ने आगरा में पैरा कमांडो की अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी. जब शहीद हुए उस समय वे व्हाइट नाइट कोर में शामिल थे. पहलगाम हमले के बाद सेना को इनपुट मिला था कि जंगलों में कुछ आतंकवादी छुपे हैं. इसके बाद झंटू ने अपनी टीम के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया. जहां मुठभेड़ में वे शहीद हो गए.
झंटू अली शेख के बड़े भाई और सेना के जवान रफीकुल शेख ने कहा अपने भाई की शहादत पर कहा कि आज मेरे देश और गांव ने एक बहादुर सिपाही खो दिया है. मुझे गर्व है कि मेरे भाई ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. मेरे लिए पहले देश है और फिर परिवार, मेरे भाई की शहादत के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि मैं परिवार से मिला, लेकिन मेरा कर्तव्य पहले देश के प्रति है. मैं देश की सेवा को ही पहली प्राथमिकता दूंगा.
शहीद जवान के भाई का बयान वायरल
कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के समय हजारों लोग वहां मौजूद थे. इस दौरान वहां जमकर नारेबाजी की जा रही थी. लोग शहीद और परिवार के लिए जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. तो वहीं दूसरी तरफ शहीद के भाई रफीकुल ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि इस देश में न तो कोई धर्म होता है और न ही कोई जाति होती है. किसी में भी अगर दम है तो बोल दे कि भारतीय सेना हिंदू या मुस्लिम है. भारतीय सेना एक ऐसी जगह है जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध एक ही थाली में खाता है और एक ही बर्तन में खाना बांटा जाता है. अगर सच में किसी को भाईचारा देखना है तो फौज में आ जाओ. तभी आपको पता चलेगा कि भाईचारा क्या होता है.
उन्होंने कहा कि भाई आज दुनिया में नहीं रहा उसकी जगह कोई नहीं भर सकता है. उनकी फैमिली और बच्चे की भरपाई कोई भी नहीं कर सकता है, लेकिन उससे ज्यादा मुझे इस बात पर गर्व कि मेरा भाई अपने देश के लिए और जनता के लिए अपनी जान की आहुति दिया है. आपने बहुत सुना होगा कि कश्मीर में हिंदुओं को चुन चुनकर मारा गया. उन्हीं हिंदू भाइयों का बदला लेने के लिए मेरे भाई को सूचना मिली थी कि वादियों में दुश्मन छिपा हुआ है. भाई छोटी सी टुकड़ी लेकर बदला लेने के लिए निकल गया. इस दौरान जो भी वो सब ईश्वर को मंजूर था.