दिल्ली में हो रही आरएसएस की अहम बैठक, मोहन भागवत सहित 6 संयुक्त सरकार्यवाह मौजूद

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से इसके गुनहगारों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की जा रही है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में भी हमले को लेकर खासी नाराजगी देखी जा रही है. पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पहली बार आरएसएस के सभी बड़े अधिकारियों की बैठक हो रही है, माना जा रहा है कि बैठक में इस घटना को लेकर भी गहन चर्चा की जाएगी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आज रविवार को दिल्ली में अहम बैठक होगी. आरएसएस के अधिकारियों के कोर ग्रुप (छोटी टोली) की बैठक दिल्ली स्थित संघ के झंडेवालान ऑफिस में बुलाई गई है. बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और सभी 6 सह सरकार्यवाह मौजूद होंगे.

प्रगति रिपोर्ट और समीक्षा पर चर्चा!

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार संघ के सभी बड़े अधिकारियों की यह बैठक हो रही है. सूत्रों के अनुसार, संघ का शीर्ष नेतृत्व जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर बैठक के दौरान चर्चा कर सकता है.

माना जा रहा है कि इस बैठक में संघ शताब्दी वर्ष पर चल रहे कामों की प्रगति रिपोर्ट और समीक्षा पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में संघ से जुड़े संगठनों की ओर से किए जा रहे कामों को लेकर भी चर्चा और समीक्षा होती है.

आरएसएस के सभी शीर्ष अधिकारियों का अगले 3 दिनों तक दिल्ली में जमावड़ा रहेगा. छोटी टोली की बैठक हर एक से डेढ़ महीने के अंतराल पर होती है. आरएसएस के शीर्ष अधिकारियों की कोर ग्रुप बैठक को संघ की छोटी टोली कहते हैं.

कौन-कौन होंगे बैठक में शामिल

संघ की छोटी टोली की बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के साथ-साथ सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल, अरुण कुमार, सीआर मुकुंदा, आलोक कुमार, रामदत्त चक्रधर और अतुल लिमए रहेंगे. इसके अलावा छोटी टोली में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर सुरेश (भैयाजी) जोशी, वी. भागैया और सुरेश सोनी भी रह सकते हैं.

इससे पहले पहलगाम हमलों के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कल शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अहिंसा का सिद्धांत हिंदू धर्म में निहित है और यह भी कहा गया है कि हमलावरों से हार नहीं मानना भी कर्तव्य का हिस्सा है. एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि अहिंसा के सिद्धांत लोगों को इस विचार को अपनाने पर आधारित हैं.

संघ प्रमुख ने यह भी कहा, “कई लोग इन सिद्धांतों को पूरे मन से स्वीकार करते हैं, जबकि कई अन्य ऐसा नहीं करते हैं और वे परेशानी बढ़ाते रहते हैं. इन परिस्थिति में हमारा धर्म यह कहता है कि हमलावरों से हार नहीं होना भी इस धर्म (कर्तव्य) का हिस्सा है. गुंडों को सबक सिखाना भी हमारा कर्तव्य का हिस्सा है.”

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