कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। भारत ने हमले के बाद कई कड़े कदम उठाए हैं। इस बीच, पाकिस्तान पर हमले को लेकर भारत में भी बयानबाजी जोरों पर है। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का एक बयान भी खूब चर्चा में है। अब भाजपा ने उनके इस बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बहुत दुख की बात है कि कांग्रेस के कुछ नेता ठीक वही भाषा बोल रहे हैं जो पाकिस्तान बोल रहा है।
सुधांशु त्रिवेदी ने बोला सिद्धारमैया पर हमला
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान पर कहा, “जहां देश इस हमले के खिलाफ आक्रोश में हैं, जन-जन के मन में है कि इसका कठोर और प्रभावी उत्तर भारत को देना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने उसी भावना के अनुरूप अपना संकल्प व्यक्त किया है कि इस घटना को करने वालों को उनके अंजाम तक पहुंचाकर न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। बहुत दुख की बात है कि कांग्रेस के कुछ नेता ठीक वही भाषा बोल रहे हैं जो पाकिस्तान बोल रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा यह कहना कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है यह वही भाषा है जो पाकिस्तान के गृह मंत्री, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बोल रहे हैं। हम कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहते हैं कि आपने कहा था कि आप सरकार के साथ हैं, अब कुछ दिन में आपके चेहरे पर से नकाब निकल गया… हमें कांग्रेस पार्टी से जवाब चाहिए… जहां तक विकल्प की बात है, मैं सिद्धारमैया को स्पष्ट करना चाहता हूं कि क्या विकल्प होगा यह प्रधानमंत्री मोदी, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी, हमारे तीन सेनाओं के प्रमुख पर छोड़ दीजिए। आप रक्षा विशेषज्ञ बनने का प्रयास न करें…”
क्या बोले थे सिद्दारमैया?
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में सिद्धारमैया ने कहा था कि हमले के बाद हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वहां होना चाहिए था। वह बिहार में चुनाव प्रचार करने गए थे। ऐसे में सवाल है कि उनके लिए क्या महत्वपूर्ण है? वह लोगों को टोपी पहना रहे हैं (मतलब लोगों को गुमराह बना रहे हैं)। आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने कहा था कि युद्ध की कोई जरूरत नहीं है। हम इसके पक्ष में नहीं हैं। हमें कड़े कदम उठाने चाहिए। सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।
आज पेश की सफाई
बयानबाजी के बाद रविवार को सिद्धारमैया ने कहा कि मैंने युद्ध के बारे में जो बयान दिया, उस पर हो रही बहसों और चर्चाओं को मैंने देखा है, चाहे वह पक्ष में हो या विपक्ष में। युद्ध हमेशा एक राष्ट्र का अंतिम विकल्प होना चाहिए। कभी भी पहला और एकमात्र विकल्प नहीं होना चाहिए। जब दुश्मन को हराने के लिए हर अन्य तरीका विफल हो चुका हो, तब एक देश को युद्ध में जाने के लिए मजबूर होना चाहिए। पाकिस्तान के समर्थन से आतंकवादियों ने पहलगाम में खौफनाक हमला कर स्पष्ट कर दिया है कि हमारी खुफिया और सुरक्षा प्रणाली में गंभीर चूक हुई। अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि पहले इन कमियों को सही किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी त्रासदियां फिर से न हों। दुनियाभर के देशों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं। हमें इस अभूतपूर्व वैश्विक समर्थन का लाभ उठाना चाहिए और पाकिस्तान को ऐसा कड़ा सबक सिखाना चाहिए कि वे कभी भी ऐसे कृत्य दोबारा न करें।