मोतीझील को मिलेगी नई पहचान: जिला प्रशासन ने शुरू किया सफाई और सौंदर्यीकरण महाभियान

मुजफ्फरनगर। आखिरकार जिला प्रशासन ने मोतीझील का सुध ले ही लिया। सोमवार को मोती झील के सौंदर्यीकरण और साफ सफाई महाभियान का शुभारंभ। डीएम उमेश मिश्रा, एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह, ईओ प्रज्ञा सिंह खुद सफाई महाअभियान में जुटे। इस कार्य में नगर पालिका के 50 कर्मचारी लगाए गए, सभी ने जलकुंभी की सफाई की। बाद में मोती झील के पानी का ट्रीटमेंट भी प्रारंभ किया गया।

शामली रोड स्थित मोतीझील में पानी कहां से आता है? के राज से जल्द ही पर्दा उठ जाएगा। पिछले दिनों सेंट्रल वाटर कमीशन की टीम ने मोतीझील का सर्वे किया था। हालांकि झील की गहराई का अभी तक पता नहीं चल पाया। सफाई महाअभियान के बाद मोती झील के पानी के स्त्रोत का पता लगाएगी। टीम की रिपोर्ट जल संसाधन मंत्रालय को जाएगी और उसके बाद मोतीझील को विकसित करने के लिए प्लान तैयार होगा। देखा जाए तो मोतीझील का अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है, लेकिन उसमें पानी कभी खत्म नहीं होता है। पानी कहां से आता है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। झील की गहराई को लेकर भी आज तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। अवैध कब्जे के कारण मोतीझील का दायरा सिमट गया है।

डीएम उमेश मिश्रा ने बताया कि मोतीझील का अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन उसका पानी कभी खत्म नहीं हुआ। झील का सर्वे कराकर उसकी रिपोर्ट आने के बाद इसे विकसित कराया जाएगा। जिले की धरोहर को बचाने का प्रयास रहेगा।

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