एक्सिओम-4 मिशन को 29 मई को लॉन्च किया जाएगा, जिसमें भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
इस मिशन के साथ ही भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इतिहास रचेंगे, क्योंकि वह ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। एक्सिओम मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारत की इसरो की एक संयुक्त पहल है।
शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे और तीन अन्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ दो हफ्ते तक आईएसएस पर रुकेंगे। राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोयुज टी-11 यान से अंतरिक्ष गए थे।
शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। वह भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन के पद पर हैं। उनके पास 2,000 घंटे से अधिक समय की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने जून 2006 में वायुसेना की फाइटर विंग में कमीशन प्राप्त किया। एक्स-4 वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एएन-32 जैसे कई विमान उड़ाए हैं। उन्हें मार्च 2024 में ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नति मिली। वह भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चयनित अंतरिक्ष यात्री भी हैं। उनकी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत 2019 में हुई, जब उन्हें इसरो की ओर से बुलावा आया। इसके बाद उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉसमोनॉट प्रशिक्षण केंद्र (स्टार सिटी) में एक वर्ष का कठोर प्रशिक्षण लिया।
क्या है एक्सिओम मिशन 4?
यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक होगा, साथ ही पोलैंड और हंगरी के लिए भी। ये दोनों देश 40 साल बाद पहली बार मानव अंतरिक्ष उड़ान में हिस्सा लेंगे। यह पहली बार होगा जब भारत, पोलैंड और हंगरी एक संयुक्त मिशन के तहत आईएसएस पर साथ जाएंगे।