आखिरकार मीनल खान को पिया का घर छोड़कर अपने वतन लौटना ही पड़ा। मंगलवार सुबह 10 बजे घरोटा थाने से पुलिस की गाड़ी से मीनल को जम्मू में रह रही तीन अन्य पाकिस्तानी महिलाओं के साथ 11 बजे वाघा बॉर्डर भेजा गया। बहू को छोड़ने के लिए अपनी गाड़ी में पति मुनीर खान, सास जमशाद बीबी और मुनीर के बड़े भाई नदीम अहमद वाघा बॉर्डर के लिए रवाना हुए।
एक दूसरे से जुदा होने पर मीनल और मुनीर दोनों गले लगकर रोए, यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंख नम हो गईं। मीनल ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का उन्हें भी गहरा दुख है, लेकिन उसका क्या दोष है कि उसे पति से दूर किया जा रहा है। अभी तक उसके हाथों की मेहंदी भी नहीं उतरी है कि उसे पाकिस्तान वापस भेजा जा रहा है।
उधर, मीनल की सास ने कहा कि मीनल और मुनीर की शादी नौ साल पहले ही शगुन के तार पर कर दी गई थी। बीते दो साल से वीजा के लिए आवेदन कर रहे थे, लेकिन वीजा नहीं मिला। इसके बाद 24 मई 2024 को दोनों का ऑनलाइन निकाह करवा दिया गया। इसके बाद फिर वीजा के लिए आवेदन किया गया।
तब जाकर 15 दिन का वीजा जारी हुआ था। थी। 29 फरवरी को मीनल सुसराल आई थी। 14 मार्च को मीनल का बीजा समाप्त हो गया था। हालाकि कि मुनीर खान ने पत्नी मीनल के लिए लांग टर्म बीजा के लिए अवेदन किया हुआ है। लेकिन अभी तक मीनल को भारत की नागरिकता नहीं मिली है। इसलिए मीनल को वापस पाकिस्तान भेजा गया।
मीनल खान पाकिस्तान के सियालकोट पंजाब में स्थित कोटली फकीर चंद गुंजन निवासी असगर खान की बेटी है।